Jun 4, 2008

इनवेस्टमेंट बैंकिंग... 'F' शब्द... खोया-खोया चाँद और एक खूबसूरत सुबह !

इनवेस्टमेंट बैंकिंग बदनाम है बहुत ज्यादा वर्क लोड के लिए... इनवेस्टमेंट बैंकिंग से जुड़ी किताबों ने और बदनाम कर रखा है. नौकरी चालू करने के बाद ये बात बहुत ज्यादा महसूस नहीं हुई... शायद पहले से ही धारणा बनी हुई थी या फिर पहले से ही ऐसा जीवन जीने की आदत हो गई थी. फिलहाल पिछले शुक्रवार की रात २:१५ (या फिर शनिवार सुबह कह लें) पर मोबाइल बजा तो नंबर दिखा: ००*** . तुरत माथा ठनका कि अरे ऐसे नंबर से तो ऑफिस वाले फ़ोन पर कॉल आता है.... कोई न्यूयार्क से अपने ब्लैकबेरी से कॉल कर रहा था... इस समय पर? वैसे उस समय भी मैं जाग रहा था और 'Development with dignity: A case for full employment' पुस्तक पढ़ रहा था. खैर फोन उठाया तो शक सही निकला... उधर मेरी एक अनालिसिस खोली गई थी जिसमें था $४ करोड़ का घाटा. घाटे का कारण किसी को मिला नहीं तो मुझे याद करने का शुभ काम किया गया. मैंने घर से काम करने का एक्सेस नहीं लिया है. ऑफिस का काम वहां से निकलते ही भूल जाने में विश्वास रखता हूँ. घर पर बस थोड़ा-बहुत पढ़ लेता हूँ, जिसका इस्तेमाल अगले दिन होना होता है. पर काम .... ना !

खैर अब मैं देख तो सकता नहीं था की समस्या क्या है. तो थोडी देर में ये फैसला लिया गया कि १ घंटे में मैं ऑफिस चला जाऊँ. जिनका फोन था वो हमारे बड़े वाले बॉस है... बड़े साहब MIT से PhD हैं, अब वो १६-१८ घंटे तक काम कर जाते हैं... ऐसे लोगों को मना भी नहीं कर सकते. जो ख़ुद इतनी लग्न से काम करता हो और इंसान भी अच्छा हो... इतना तो साफ है की मामला बहुत गंभीर था. थोडी खुशी भी हो रही थी की चलो हमारी भी इम्पोर्टेंस है (वैसे इसको कहते हैं पोजिटिव थिंकिंग... रात को २:३० बजे ऑफिस जाना पड़े और सोचो की हमारी इम्पोर्टेंस है)

रास्ते में एक बार ऊपर की तरफ़ देखा तो साफ आसमान, चाँद और हजारों तारे... मुझे याद आया... कि आसमान ऐसा भी होता है (ऑफिस, ऊपर देखो तो स्ट्रीट लाईट और फिर रात को फ्लैट में बंद... व्यस्त जीवन हो जाए तो कितनी जल्दी खूबसूरत चीजें भी दिमाग से निकल जाती हैं). पूरे रास्ते... खोया-खोया चाँद, खुला आसमान... गुनगुनाते रहा. जींस, टी-शर्ट और सैंडल पहने ऑफिस पहुच गया था. उस समय हमारे ऑफिस में तो कोई नहीं था पर हमारा ऑफिस विप्रो कॉम्प्लेक्स में है तो कॉल सेंटर के कई लोग इधर-उधर भटक रहे थे. हमारे फ्लोर पर जो एकाध लोग थे उनका घुरना देख कर मैं सोच में पड़ गया कि कहीं तो कुछ गड़बड़ है! मैंने मन में सोचा.... 'Its fu**ing friday night dude! what you want me to wear... a suite?' (कई बातें हैं जो हिन्दी में उतनी सहजता से नहीं कही जा सकती खासकर फूहड़ बातें) और हाँ यहाँ आपको बता दूँ कि इनवेस्टमेंट बैंकिंग में जो अपने को जितना होशियार समझता है वो उतना ही ज्यादा 'F शब्द' इस्तेमाल करता है. इस इंडस्ट्री में आने के बाद ही पता चला कि F शब्द इतना व्यापक है और इतने क्रिएटिव इस्तेमाल होते है इसके.

अचानक मुझे ध्यान आया कि मैंने LEHMAN BROTHERS की टी-शर्ट पहन रखी है (IIT से निकलने के बाद कुछ सालों तक कई सारी कंपनियों के टी-शर्ट की कोई कमी नहीं होती). LEHMAN BROTHERS की टी-शर्ट पहन के CREDIT-SUISSE के ऑफिस में... भारत-पाकिस्तान में से किसी एक देश के आर्मी का ड्रेस पहन के दुसरे की सीमा में चले जाना कहूँगा तो थोड़ा ज्यादा हो जायेगा... पर अगर लिखते समय ऐसी बात दिमाग में आ रही है तो आप समझ सकते हैं की मामला संगीन है, वैसे रात थी तो कोई बात नहीं. खैर $४ करोड़ वाला मामला थोडी देर में निपट गया... आपको यहाँ बताता चलूँ की इनवेस्टमेंट बैंक में होते हुए जब तक आप पैसा बना रहे हैं आप सही है... जिस दिन घाटा हुआ... उसी दिन ये साबित हो जाता है की आप अब तक ग़लत कर रहे थे !

५ बजे सुबह ऑफिस से निकला तो एक साथी का फोन आया की पंचगनी के लिए आधे घंटे में निकलना है... मैंने कहा... मैं अभी ऑफिस से वापस आ रहा हूँ ...थोडी देर लग सकती है... 'what the Fu** were you doing in office on a friday night?' खैर दो बातें तो साफ है बिना 'F' शब्द के बोलना कुछ इनवेस्टमेंट बैंक में काम करने वालों को बेमानी लगता है... और शुक्रवार की रात बहुत मायने रखती है. खैर रात के खोये-खोये चाँद की तरह सुबह भी बहुत खूबसूरत निकली... इससे पहले अच्छी सुबह शायद ये मिली थी. पर क्या करें सुबह उठाना तो ५-६ सालों से भूल गया हूँ... कितनी खूबसूरत चीजें खोता जा रहा हूँ... :(

फिलहाल पंचगनी की ये तस्वीर... बाकी तस्वीरें, यात्रा वृतांत और इनवेस्टमेंट बैंकिंग की बाकी बातें फिर कभी


~Abhishek Ojha~

9 comments:

  1. मैं एक पोस्ट लिख रहा हू एमबीए. उससे पहले आपका यह पोस्ट दिख गया. F*** और एमबीए वालो का गहरा नाता है. खैर ये सब तो पोस्ट में. आपके पोस्ट में अच्छी चीज ये रही की आपको इसी बहाने सुबह के दर्शन हो गए. Njoy.

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  2. मैं खुद इन्वेस्टमेंट बैंकिंग में कार्यरत हूँ सलाहकार की हैसियत से और आपसे सहमत होता हूँ कि

    बिना 'F' शब्द के बोलना कुछ इनवेस्टमेंट बैंक में काम करने वालों को बेमानी लगता है... और शुक्रवार की रात बहुत मायने रखती है.

    परसों का इसीलिये इन्तजार है कि शुक्रवार है. :)

    बहुत खूबसूरती से दर्द और स्थितियां बयां की हईं, बधाई.

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  3. "फ* इट" और "शि*" तो सम्पुट हैं- वर्तमान आधुनिकवेदीय संहिता के। कोई ऋचा इन्हें आदि-मध्य-अन्त में जोड़े बगैर पूर्ण नहीं होती।:)

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  4. 'f......;ओर इनवेस्टमेंट बैंकिंग का नाता है.....ये आज मालूम चला...आपकी पंचगनी की तस्वीर बहुत अच्छी है....खुला आसमान ओर चाँद हमारे यहाँ शनिवार की रात को मिलते है...........ek bat aor...
    अगली बार allen solly की पैंट शर्ट पहन कर जाये...

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  5. वाह साहब वाह बढ़िया जानकारी दी आपने.
    "इनवेस्टमेंट बैंकिंग...और 'F' शब्द... का सम्बन्ध बताया. पता नहीं था.
    आपसे सहमत हूँ की "बहुत सी खूबसूरत चीजे खोती और पीछे छूटती जा रही है."

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  6. चलिए रात कैसे कटी ये तो पता लग गया अब इंतज़ार रहेगा अगली पोस्ट का !

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  7. इनवेस्टमेंट बैंकिंग वालों की ही ज़बान में The f***ing net speed aint let me browse the pics u hv posted. ;-)
    आपके लेखन में कमाल की सहजता है जोकि सम्भवतः आपके व्यक्तित्व का हिस्सा भी है। आपको जानकर प्रसन्नता हुई। लिखते रहिये…

    शुभकामनाएँ

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  8. ओझा भइया। नमस्कार। बहुत बढ़िया लिखेल तूँ। अउरी हमरा त बहुत नीक लागेला जब तूँ हमरी पोस्टवा पर कमेंट क देल। बहुत-बहुत घनबाद।

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  9. थाडा सा विस्तार और देते मुझे किसी फ़िल्म की कहानी लगती। बहुत खूब बयान किया है... बस जल्दी से 'दी एंड' कर दिया यही शिकायत है।

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