भयानक मंदी का समय है जहाँ बाजार का कोई भरोसा नहीं है, सालों से फायदा दे रही जमी-जमाई जितनी भी ट्रेडिंग स्ट्रेटजी (Trading strategy) थी उनका सारा गणित असफल हुआ जा रहा है. आजकल जहाँ बड़े बैंकों के स्टार ट्रेडरों के लिफाफे में बोनस की जगह गुलाबी रसीद (Pink slip) निकल आती है. ऐसे में अगर कोई रिस्क फ्री स्ट्रेटजी मिल जाए तो वो 'अंधे की आँख' ना सही 'बुढापे की लाठी' तो जरूर साबित होगी. अब मार्केट किस कदर डूबा है ये तो आप जानते ही है. ये भी कोई बताने की बात है! फिर भी बात निकली है तो मामले की गंभीरता आप इस गोता लगा चुके इस सेंसेक्स के ग्राफ में देख ही लीजिये !
ऐसे में तारणहार बनकर सामने आई है मुथालिक की 'श्रीराम सेना'. अब इसके बारे में बताने की क्या जरुरत है, भले ही आप मार्केट की उठा-पटक से एकदम ही अनभिज्ञ हों इस पब-विरोधी गैंग की उठा-पटक तो जानते ही होंगे. ये आजकल वैलेंटाइन के दिन मुफ्त शादी कराने के साथ एक और स्पेशल ऑफर दे रहे हैं. 'पिंक चड्ढी भेजो और बदले में साड़ी पाओ'. अब पिंक चड्ढी को साड़ी में बदलने के साथ-साथ पिंक स्लिप को बोनस में बदलने का ये सुनहरा अवसर ही तो है ! और उनके लिए भी जो कुछ लाभ बनाना चाहते हैं.
यूँ तो हम रिस्क-मैनेजमेंट का काम करते हैं पर इस सिलसिले में कई ट्रेडिंग स्ट्रेटजी भी देखने को मिलती है. इतने बड़े-बड़े फोर्मुले और गणित लगाकर स्ट्रेटजी लिखी जाती है और ऐसे मार्केट में परिणाम? ... छोडिये, वैसे भी अत्यन्त गोपनीय रखना होता है ! खैर उन्हीं में से कुछ की अनालिसिस और चार्ट-वार्ट देखते हुए हमारे सहकर्मी अजित के दिमाग में ये रिस्क्लेस आर्बिट्राज मौका (Riskless Arbitrage Opportunity) सूझा. यहाँ तो भारी-भारी कम्प्यूटर और गणित लगाने पर भी आधे-एक सेंट (चवन्नी-अठन्नी) का आर्बिट्राज नहीं मिल पाता हैं और यहाँ चड्ढी के बदले साड़ी ! यानी लाभ ही लाभ !
तो फिर देर किस बात की... फटाफट गुलाबी चड्ढी भेज डालिए और बदले में साड़ी लीजिये... जीतनी मिले उनमें से कुछ इस्तेमाल कीजिये कुछ बेच दीजिये. ट्रेडिंग स्ट्रेटजी का एक राज होता है 'गुप्त रखना'. अगर सबको पता चल जाय और सभी यही ट्रेड लगाकर बैठ जाएँ तब तो हो चुका फायदा. अभी शिव भइया मिलने आए थे तो उन्होंने भी बताया 'अगर एक आदमी आकर बताये की घी बेचकर उसने कुछ पैसे बनाए हैं और ये सुनकर सभी लोग घी बेचने ही निकल पड़ें तो क्या होगा? ' तो इसे भी गुप्त ही रखना है. आप तो हमारे अपने आदमी हैं इसलिए आपको बताये दे रहा हूँ. बिना किसी और को बताये फटाफट ट्रेड लगाइए नहीं तो फिर वही होगा जो आर्बिट्राज वाले मामले में अक्सर होता है. वैसे भी परफेक्ट मार्केट में धीरे-धीरे ये मौका ख़त्म हो ही जाता है. धीरे-धीरे चड्ढी की डिमांड बढेगी और फिर कीमत भी और इसी तरह साड़ी की कीमत घटने लगेगी जब तक की दोनों कीमतें बराबर ना हो जाए. इस्तेमाल की हुई चड्ढी के बदले भी नई साड़ी मिलने वाली है तो साड़ी की रीसेल भी चड्ढी की रीसेल से ज्यादा होगी. डिमांड-सप्लाई के साथ ये सारे फैक्टर बाद में चड्ढी महँगी कर देंगे तो फिर किस बात का फायदा होगा! वैसे हमारी अनालिसिस कीमतों को कुछ यूँ प्रेडिक्ट करती है.
तो क्या जबतक कीमतों में अन्तर रहेगा (लगभग मई २०१०) तब तक कोई रिस्क नहीं है? क्या ये ट्रेड पूरी तरह रिस्क-फ्री है?
अजी क्या कभी कुछ रिस्क-फ्री हुआ है ! अगर रिस्क-फ्री होने लगा तो हम क्या मैनेज करेंगे ?
अब एक समस्या ये है की ये ट्रेड एक्सचेंज में तो होगा नहीं मतलब ये ओटीसी (over-the-counter) प्रोडक्ट है तो मुकर जाने का खतरा (Default Risk) तो है ही ! अपनी बात से मुकरने में श्रीराम सेना का क्या जाता है. ऐतिहासिक विश्लेषण (हिस्टोरिकल अनालिसिस) और हमारे मोडल्स की बैक टेस्टिंग ये बताती है की ये रिस्क बहुत ज्यादा है. और इस मामले में रिकवरी रेट भी लगभग शून्य होगा. तो?
अरे ऐसे समय के लिए ही तो क्रेडिट डेरिवेटिव (Credit Derivative) बनाए गए हैं. अगर श्रीराम और मुथालिक मुकर भी जाएँ तो आपके पैसे मिल जायेंगे ! बस हर हप्ते/महीने आपको इस सुरक्षा के लिए कुछ रकम सुरक्षा प्रदान करने वाले (Credit Protection Seller) को देनी पड़ेगी और अगर श्रीराम सेना मुकर जाती है तो आपको साड़ी या उसके कीमत के बराबर पैसा मिल जायेगा. ठीक वैसे ही जैसे बीमा कराने पर होता है. एक साधारण कोंट्रैक्ट कुछ इस तरह काम करेगा:
लीजिये अब तो हर तरह का ट्रेड हो सकता है इस पर. हेजिंग (hedging) और स्पेकुलेशन (Speculation) भी सम्भव है. आप भी अपनी आवश्यकता अनुसार ट्रेड लगाइए ! (इससे जुड़े बाकी बिजनेस आईडिया फिर कभी)
~Abhishek Ojha~
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ये हमारे रिसर्च का प्रारंभिक आईडिया और सारांश भर है. अगर काम्प्लेक्स मोडल्स के साथ टेस्ट की हुई स्ट्रेटजी और पूरी केस स्टडी चाहिए तो आप मुझसे संपर्क कर सकते है. 'An Investor's Guide to The Chaddhi-Sadi Trading Strategy and Risk Analysis - by Abhishek Ojha & Ajit Burad.
कीमत:
व्यक्तिगत निवेशक (Individual Investor): $100.00
संस्था/व्यवसायिक निवेशक (Institutional/Corporate Investor): $500.00
(सारे मेजर क्रेडिट कार्ड स्वीकार किए जायेंगे)
*This post is subject to non-understandable risk ! Please don't read carefully before commenting.
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Riskless Arbitrage: A risk-free transaction consisting of purchasing an asset at lower price and simultaneously selling that at a higher price.
अभिषेक मन खुश कर दिया। हम अभी अभी शास्त्रीजी के चिट्ठे पर सीरियसली टिपियाकर
ReplyDeletehttp://sarathi.info/archives/1872
सीरियरली कुछ लिखने वाले थे कि ये पोस्ट दिख गयी और तुमने हमें एक घोर पाप करने से बचा लिया :-)
अभी कुछ दिनों में चड्ढी का स्टाक बढेगा, हमारा एक मार्जिन एकाउंट भी खोल दो जिससे चड्ढी शार्ट करके बाद में जब वापिस सस्ती हो जाये तो कवर कर सकें :-)
अब क्रेडिट ही नहीं बचा तो क्रेडिट कार्ड का क्या करोगे? कहो तो Commodity ट्रेड में लैब से १-२ लीटर Crude भिजवा दें :-)
अतुलनीय विशेषज्ञ सलाह के लिए सलाहकार महोदय का अभिनन्दन.
ReplyDelete'पिंक चड्ढी भेजो और बदले में साड़ी पाओ'.
-ऐसे रिस्क मैनेजर हमारी कम्पनी में क्यूँ नहीं है, जो इतने भयंकर ज्ञानी हों. शिव भाई का एक ही मुलाकात में असर दिख रहा है साफ साफ. :)
चढ्ढी- साडी आर्थिकी की मूलभूत प्रवृत्तियों पर आपका यह शोध पत्र किसी अर्थशास्त्रीय शोध पत्रिका के लिए भी अनुशंसित किया जाता है !
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ReplyDeleteभाई हमारी तरफ़ से पिंक चड्ढी के २१ लोट शोर्ट कर दिजिये. आप तो चड्ढी के बदले साडी यानि करीब ट्वंटी टाईम्स का सपना दिखा रहे हैं. पर हम तो सिर्फ़ पांच % मे ही खुश रहेंगे. और loss भी इतना ही देने की ताकत है. सो हमारा stop loss भी लगा कर चलना.:)
ReplyDeleteआज कल क्या risk मेनेज करें? खुद रिस्क ही हमको मेनेज कर रही है.:)
आपने ये बहुत लाजवाब पोस्ट लिखी है.
रामराम
अरे भाई! कोई गारंटी वारंटी भी है क्या साड़ी मिलने की? चड्डी के पैसे पानी में तो नहीं चले जाएँगे?
ReplyDeleteवैसे फागुन का महीना है। हम तो इसे फगुनिया खुमार ही देखे जा रहे हैं।
समझ गये भाई कि तुम्हारा काम क्या है.. और आफिस में कंपनी के फायदे के बदले बस अपने मुनाफ़े की बात सोचते हो..
ReplyDeleteमस्त लिखे हो.. पूरे ग्राफ के साथ.. ऐसा लगा जैसे अपने बॉस के सामने कुछ प्रजेंटेशन डेने वाले हो, तैयारी कुछ ऐसी ही है.. :)
बाज़ार जब दस हजारी हुआ तो मेरे पास मेहता जी का संदेश आया "इट इज ऐ गुड टाइम टू इन्वेस्ट इन रूपा, अमूल, वी आई पी एंड जोकी .... क्योंकि अब सबकी चड्डी उतरने वाली है सब खरीदेंगे". इस तरह पिंक चड्डी का शोर्ट बन जाएगा सोचा न था.
ReplyDeleteइतने सारे ग्राफ ओर बिसनेस के भारी भरकम शब्द देखकर हम इन्फीरियरटी कॉप्लेक्स में आ गये भैय्या ...वैसे भी इस डील (चड्डी के बदले साड़ी ) की घोषणा करने के बाद मुतालिक सर पे माथा पकड़े बैठे है ....की भाया जोश जोश में कर तो दी घाटा हो गया ..... उनके चेले लठैत पहले ही परेशां है .घाटे के मतलब शाम का मुर्गा दारू मिलने के चांस ख़तम...
ReplyDeleteवैसे भी मुतालिक के मोबाइल लगातार बज रहे है की .....साड़ी कौन सी मिलेगी सिल्क की ...या कोई ब्रांडेड ....बेचारी उनकी बीवी अलग कहती है .इतने साल हो गये हमें नही दी ...सारे जग में बाँट रहे हो......
आखिरी में एक साल ...अपने मुनाफे की बात कैसे सोच लेते हो गणित के पंडित ?
ब्रेकिंग न्यूज़ - साड़ी वालो ने मुतालिक को डिसकाउंट ऑफर देना शुरू कर दिया है .
प्रमोद मुतालिक और गुलाबी चड्डी अभियान चला रही (Consortium of Pubgoing, Loose and Forward Women) निशा (०९८११८९३७३३), रत्ना (०९८९९४२२५१३), विवेक (०९८४५५९१७९८), नितिन (०९८८६०८१२९) और दिव्या (०९८४५५३५४०६) को नमन. जो श्री राम सेना की गुंडागर्दी के ख़िलाफ़ होने के नाम पर देश में वेलेंटाइन दिवस के पर्व को चड्डी दिवस में बदलने पर तूली हैं. अपनी चड्डी मुतालिक को पहनाकर वह क्या साबित करना चाहती है? अमनेसिया पब में जो श्री राम सेना ने किया वह क्षमा के काबिल नहीं है. लेकिन चड्डी वाले मामले में श्री राम सेना का बयान अधिक संतुलित नजर आता है कि 'जो महिलाएं चड्डी के साथ आएंगी उन्हें हम साडी भेंट करेंगे.'
ReplyDeleteतो निशा-रत्ना-विवेक-नितिन-दिव्या अपनी-अपनी चड्डी देकर मुतालिक की साडी ले सकते हैं. खैर इस आन्दोलन के समर्थकों को एक बार अवश्य सोचना चाहिए कि इससे मीडिया-मुतालिक-पब और चड्डी क्वीन बनी निशा सूसन को फायदा होने वाला है. आम आदमी को इसका क्या लाभ? मीडिया को टी आर पी मिल रही है. मुतालिक का गली छाप श्री राम सेना आज मीडिया और चड्डी वालियों की कृपा से अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सेना बन चुकी है. अब इस नाम की बदौलत उनके दूसरे धंधे खूब चमकेंगे और हो सकता है- इस (अ) लोकप्रियता की वजह से कल वह आम सभा चुनाव में चुन भी लिया जाए. चड्डी वालियों को समझना चाहिए की वह नाम कमाने के चक्कर में इस अभियान से मुतालिक का नुक्सान नहीं फायदा कर रहीं हैं. लेकिन इस अभियान से सबसे अधिक फायदा पब को होने वाला है. देखिएगा इस बार बेवकूफों की जमात भेड चाल में शामिल होकर सिर्फ़ अपनी मर्दानगी साबित कराने के लिए पब जाएगी. हो सकता है पब कल्चर का जन-जन से परिचय कराने वाले भाई प्रमोद मुतालिक को अंदरखाने से पब वालों की तरफ़ से ही एक मोटी रकम मिल जाए तो बड़े आश्चर्य की बात नहीं होगी. भैया चड्डी वाली हों या चड्डे वाले सभी इस अभियान में अपना-अपना लाभ देख रहे हैं। बेवकूफ बन रही है सिर्फ़ इस देश की आम जनता.
अजी मे तो पहना ही गुलाबी चड्डी हुं , बोलो किसे भेजनी है... मेने पाकेट तेयार कर लिया है, हर पाकेट मे पांच पांच चड्डीयां है.... इन के बदले जल्दी से साडी भेज दो, साडी कोई सी भी हो सिलक की काजिपुरम की, या सुती, कोई फ़र्क नही पडता,
ReplyDeleteनोट सारी चड्डीया अच्छी तरह से धोई गई है, ओर उन पर इत्र फ़ुलेले भी छिडक गया है.
Please don't read carefully before commenting.
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यह लो तड़ से ठेली <=५० आई.क्यू. की टिप्पणी! इतने आई.क्यू. में केयर या बिना केयर पढ़ा, सब बराबर!
अरे वाह! इतने लोग "चड्डी के बदले में साड़ी ऑफर" का लाभ उठाना चाहते हैं, मैं सोंचता हूँ की एक पिंक चड्डी की दूकान डाल दूँ .....अब क्या है की पुरुषों के लिए पिंक चड्डी खोजना जरा मुश्किल काम लगता है....एक जगह से सारे खरीदेंगे तो सहूलियत तो होगी ही, दाम भी कम आएगा और धंधा भी रिस्क फ्री है......जब तक ऑफर है कमसे कम तब तक तो पिंक चड्डी बेचने में फायदा ही फायदा है..
ReplyDeleteग्रेट एनालिसिस. पर, यकीन मानिए, मैंने धैर्य से और गंभीर होकर इस पोस्ट पढ़ा है. कौन जाने कब काम आ जाए...
ReplyDeleteअरे चड्ढी के बदले पतलून वाली कोई स्कीम हो तो उसका विश्लेषण ज़रूर कीजियेगा.
ReplyDeleteअभिषेक, बहुत लंबा 'स्प्रेड' मिलेगा भाई. कोशिश करके कुछ आर्बिट्रेज पोजीशन बनाता हूँ.
ReplyDeleteचिंता वाली बात केवल एक ही है. वो यह कि बीस तारीख को ही करेंट मंथ का कांट्रेक्ट एक्सपायर हो रहा है, (या ऐसा तो नहीं कि एक्सपायर हो चुका?) ऐसे में केवल स्पेकुलेट किया जा सकता है. कुछ मिल गया तो सही, नहीं मिला तो भी ज्यादा कुछ नहीं लेकर जायेगा.
वैसे एक बात है, खासकर इन दो कमोडिटीज में पार्टिसिपेशन इतना थिन है कि दो-चार लोग ही इन कमोडिटीज को आसानी से ऊपर-नीचे कर ले रहे हैं. ऐसे में स्टाप लॉस का आर्डर पहले डालो, पोजीशन बाद में लो.
ताऊ जी का शोर्ट और लॉन्ग का आर्डर डाला कि नहीं?????
@Neeraj Rohilla : भाई जल्दी से क्रूड भिजवा दीजिये. पीपे जुगाड़ लिए हैं मैंने :-)
ReplyDeleteऔर आपका अकाउंट खोल दिया गया है. जल्दी से इनिशियल मार्जिन भिजवा दीजिये.
@Udan Tashtari:आपके मुंह में घी-शक्कर. भगवान करे शिव भइया से मुलाकात का असर पड़ जाए :-)
@Arvind Mishra: आपको हमारा शोध पसंद आया ये क्या किसी अर्थशास्त्रीय शोध पत्रिका में छपने से कम है?
@ताऊ रामपुरिया: रामराम ताऊ. आपका अकाउंट खोल दिया गया है और आपका आर्डर बुक कर दिया गया है. सारे चार्जेस समेत आपका अकाउंट स्टेटमेंट जल्द ही आपके पास पहुच जायेगा. आप हमारे प्रीमियम कस्टमर हैं इसलिए आपका अकाउंट फ्री ऑफ़ कोस्ट खोला गया है !
@दिनेशराय द्विवेदी Dineshrai Dwivedi : द्विवेदीजी गारंटी नहीं है इसीलिए तो सीडीएस डिजाइन कर दिया गया है. आप सीडीएस खरीद सकते हैं!
@राज भाटिय़ा : भाटिया जी जर्मन चड्ढीयों पर मुतालिक की राय लेकर आपको बताता हूँ. तब तक इत्र फ़ुलेले हमें भिजवा दीजिये :-)
@Shiv Kumar Mishra : आपकी सलाहों को शोधपत्र के Appendix IV में जोड़ दिया गया है. भूमिका में विशेष धन्यवाद में भी आपका उल्लेख किया जायेगा :-)
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आप सभी को सलाहों/टिपण्णीयों के लिए शुक्रिया.
jab tak hum ise pare, tab tak mutalik ka stock puri terah se gir chuka hai, aur woh chapter 11 file karne ki soch rahe hain.....
ReplyDeletemast analysis ki hai data ke saath
क्या बात है, बहुत प्यारा एनालिसेस है। फ्रेन्चाइजी के लिए आवेदन कर दिया जाए?
ReplyDeleteचढ्ढी पुराण पर समीक्षा कहूं या विश्लेषण बढ़िया किया आपने...... सिल्की-गुलाबी बधाई स्वीकारें..
ReplyDeleteNow what can I say ...it all sounds so risky !! tch ...tch ...
ReplyDeleteसाड़ी-चड्ढी के बहाने अर्थशास्त्र खूब समझाया अभिषेक...
ReplyDeleteआनंदम्
पहले तो ऐसा लगा जैसे कोई टेक्स्ट बुक खोल ली हो!लेकिन समझने में मशक्कत नहीं हुई!बढ़िया विश्लेषण है!
ReplyDeleteआपको होल की परिवार सहित हार्दिक बधाई और घणी रामराम.
ReplyDeleteहोली मुबारक........
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