पिछली बार जब
ब्लॉगरी और माडर्न आर्ट लिख दिया तो एक कलाकार दोस्त बड़े दुखी हुए उनका कहना था कि तुम्हारी ब्लॉग वाली बात तो सही है लेकिन माडर्न आर्ट तुम क्या जानो?
मैंने भी कहा देखो भाई मैं तो ब्लॉगरी भी नहीं जानता माडर्न आर्ट तो दूर की बात है... पर तुम तो आर्टिस्ट हो ही, कभी ब्लॉग लिख के भी देख लो. अब इसी बात पर उन्होंने ब्लॉग बना डाला... और ऐसे डुबे की नींद ही ख़राब कर ली. रात को हर एक १० मिनट के बाद अपने लैपटॉप पर F5 दबा-दबा के टिपण्णी चेक करते रहे. क्या करते बेचारे कुछ भी लिख कर डरे हुए रहते:
'क्या लिख डाला है लोग गालियाँ न दें !' और उधर से जो वाह-वाह की टिपण्णी आनी चालु हुई की सिलसिला थमा ही नहीं...
पर इन सब में एक समस्या भी आ गई... अब बेचारे ठहरे शादी-शुदा आदमी और इधर बीबी परेशान. पहले तो बेचारी के पल्ले ही नहीं पड़ा... लगा कहीं दारु तो नहीं पीने लगे...
'ये एक नया नाटक क्या चालु हो गया, पहले उलूल-जुलूल कैनवास पोतते रहते थे अब नींद में भी हाथ F5 पर ही रहता है, पता नहीं क्या बडबडाते रहते हैं !'
खैर धीरे-धीरे पता चल गया की इस नशे को ब्लॉग्गिंग कहते हैं।
अब अखबार में 'बिन बताये शराब छुडाएं' तो आता है पर 'बिन बताये ब्लॉग्गिंग?' कभी ना सुना ना देखा... अब करती भी क्या बेचारी ! ये नए जमाने में कैसी-कैसी बीमारियाँ और कैसे-कैसे नशे आ रहे हैं... क्या होगा इस दुनिया का। झूठ का ही पंडितजी जपते हैं
'कलियुगे कलि प्रथम चरणे...' अरे ये प्रथम है तो अन्तिम कैसा होगा?अब बीवी ने एक दिन एक-आध पोस्ट भी पढ़ ली... एक-आध ही पढ़ पायी, पूरी पढने के पहले ही अश्रु धरा बह निकली. बचा-खुचा काम भी हो गया.
'हे भगवान् ये क्या-क्या लिखते हैं... ये पहला-प्यार, दूसरा प्यार? मुझे तो कभी नहीं बताया ! और ये ट्रेन में क्या-क्या देखते हैं? कौन-कौन से अनुपात नापते हैं? ऑफिस में भी... राम-राम ! यहाँ पूरी दुनिया को सब सुना रहे हैं और मुझसे इतना बड़ा धोखा?'अब उनकी भी गलती है लिखने के पहले पत्नी को भरोसे में लेना चाहिए था... उन्हें तो लगा था की इसको इन्टरनेट से क्या मतलब?... लिखते थे खुल के. अरे भाई टेक्नोलॉजी का ज़माना है आज ना कल उसे तो इन्टरनेट पे आना ही था... देख लेते कहीं पता चलता कि आपसे पहले से ब्लॉग है उसका. पर पुरूष ठहरे उन्हें तो लगा की बस ये हमीं लिखेंगे और हमारे जैसे ही पढेंगे.
अब मैंने ही भड़काया था तो पकड़ा भी मैं ही गया। भाभीजी ने पूछा:
'कोई उपाय बताओ? ब्लॉग्गिंग का तो नाम लेते ही भड़क जाते हैं... ये सौतन पता नहीं कहाँ से पैदा हो गई है. आप ही बताओ कोई बिना बताये छुडाने का तरीका है क्या?'
अब मैं क्या बताऊँ ! बीच में मुझसे ये भी पूछ लिया
'आप तो बीच-बीच में गायब हो जाते हैं कैसे मैनेज करते हैं? कुछ लेते हैं क्या?'हद है कोई लिख रहा है तो समस्या और कोई नहीं लिख रहा है तो शंका ! मैंने दिलासा दे दिया ... 'जैसे ही कुछ समाधान पता चलेगा मैं आपको बता दूंगा !'
बात आई गई हो गई पर मामला ऐसे कहाँ रुकने वाला था... ये ब्लॉग चीज ही ऐसी है सब उगलवा लेता है. हमारे कलाकार मित्र लिखते गए. अब मामला इतना बिगडा की तलाक की नौबत आ गई. देखिये भाई मजाक नहीं कर रहा... बात बिल्कुल सच्ची है
आजकल तो खर्राटे लेने के चलते तलाक हो जाते हैं तो ये ब्लॉग (खासकर हिन्दी वाले) तो ... !फिर मेरे पास आ गयीं बोली कि अब कोई अच्छा सा वकील ढूंढ़ दो ! अब गणितज्ञ या इंजिनियर ढूंढ़ती तो हम दिला देते, किसी वकील को तो जानते नहीं ! एकाएक ख्याल आया और हमने कहा की अरे हम बड़े अच्छे वकील को जानते हैं आप समस्या लिख भेजो... और
तीसरा खम्भा पर उन्हें टिका दिया.
अब (बेचारी!) अपनी समस्या भेजने के लिए उन्होंने नई-नई आईडी बनाई और इसी बीच एक दो ब्लॉग और पढ़ लिया... बस हो गया काम ! वही माडर्न आर्ट वाली बात उन्होंने भी अपनी समस्या को लेकर द्विवेदीजी के पास भेजने की जगह पोस्ट ही लिख डाली. पहले दिन कोई टिपण्णी नहीं आई तो रात भार सोयीं ही नहीं...
समस्या को मिटाने का एक तरीका ये भी है की नई समस्या में उलझा दो. ये बात अलग है की एक दिन सब आपस में उलझ के इनवेस्टमेंट बैंकिंग की तरह हिसाब मांगने लगेंगे तो दिवाला निकल जायेगा. खैर इस समस्या के लिए वो मेरे पास नहीं आयीं... अब बार-बार मैं कहाँ से जाता मदद करने, तो उनके पतिदेव ने ही दो-चार एग्रेगेटर से जोड़ दिया.
अब आगे बताने की जरुरत है क्या?
अब दोनों खूब लिखते हैं... दिल खोल के लिखते हैं. तलाक की नौबत ही ख़त्म. पर बेचारों को समय नहीं मिल पा रहा... परेशान दम्पति अब मिल कर तरीका ढूंढ़ रही है... एक दुसरे का
बिन बताये ब्लॉग्गिंग छुडाने का तरीका !अब इस दम्पति को आप ढूंढ़ लीजिये ब्लॉग पर... एक तो ऐसे ही इतनी समस्या खड़ी की है मैंने. अब यहाँ पता बताकर और बैर नहीं मोलना चाहता :-)
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आजकल कोई पोस्ट नहीं ठेल पा रहा पर इसके पीछे ये कारण नहीं है की मैं कुछ लेने लगा हूँ... बस एक परीक्षा देनी है वैसे तो ३ देनी है पर अभी एक ही सामने है. उसके बाद थोड़ा नियमित होता हूँ.
~Abhishek Ojha~