ज्यादा बोझिल न हो इसलिए आज का वर्णन दिवेआगर तक ही.
दिवेआगर: व्यवसायिक रूप से पर्यटन स्थल के रूप में तेजी से विकसित हो रहे इस कोंकणी गाँव में आप खूबसूरत समुद्री तट के अलावा कोंकणी मेहमानदारी का भी लुत्फ़ उठा सकते हैं। रेसोर्ट्स में रहने से अच्छा है की आप किसी के घर में रुक जाएँ और वैसे भी दिवेआगर में यह एक आम प्रचलन है. अगर आप मांसाहारी हैं तो कोंकणी समुद्री भोजन का आनंद ले सकते हैं और अगर मेरी तरह शाकाहारी हैं तो भी आपके लिए बहुत कुछ मिलेगा. पर किसी के घर में रुकने के लिए आपको अग्रिम बुकिंग करनी पड़ेगी. मुम्बई और पुणे से पास होने के कारण वीकएंड पर लोग यहाँ जाना पसंद करते हैं और अगर लंबा वीकएंड हो या नव वर्ष जैसे अवसर हो तो फिर बुकिंग तो करनी ही पड़ेगी. मैंने कुछ २५-३० जगह कॉल किया होगा. अगर आप को नम्बर चाहिए तो आप मुझे सम्पर्क कर सकते हैं :-) अगर आप पुणे में रहते हैं तो चाँदनी चौक से पौड रोड होते हुए दिवेआगर पहुच सकते हैं... रास्ते में मुल्शी झील और तामिनी घाट में भी अच्छी जगहें हैं.
तामिनी घाट में एक पड़ाव
मुल्शी झील
मैं आपको एक बात की गारंटी तो दे ही सकता हूँ... आपको दिवेआगर से अच्छा समुद्रतट कोंकण क्षेत्र में नहीं मिलेगा. पूर्णिमा की रात थी और हम १२ बजे रात तक समुद्र के किनारे बैठे रहे. सबसे अच्छी बात ये थी की यहाँ अन्य पर्यटक स्थलों की तरह बोतल और प्लास्टिक नहीं दिखे... ग्रामीण परिवेश और साफ सुथरा, प्राकृतिक, दूर तक फैला हुआ समुद्र तट... इसके अलावा और क्या चाहिए छुट्टियाँ बिताने के लिए !पर इतना तो स्पष्ट हो गया की ये जगह भी जल्दी ही बाकी जगहों की तरह व्यवसायिक और प्रदूषित हो जायेगी. और जहाँ ग्रामीण परिवेश में अभी भी लोग अपनी जरुरत से ज्यादा कमाने की भावना से ग्रसित नहीं हुए हैं. वहीं शहरों की तरह यहाँ भी ऐसे लोग बड़ी तेजी से बढ़ रहे हैं... जो हर सामने आने वाले आदमी से ही जिंदगी भर का खर्चा निकाल लेना चाहते हैं. अगर आपको रुकने की जगह नहीं मिल रही हो और कोई रिसॉर्ट वाला वहां के स्तर से ५ गुना ज्यादा मांग लें तो आप आश्चर्य मत कीजियेगा. वैसे कुल मिला के हमारी यात्रा अच्छी रही... बाकी जगहों पे ऐसी-ऐसी समस्याएं हो जाती हैं कि ये छोटी-मोटी समस्याएं भुलाने में कोइ ज्यादा वक्ता नहीं लगा.
कैमरे कि LCD ख़राब हो जाने के कारण जैसा मैंने सोचा था उतनी अच्छी तस्वीरें तो नहीं आ पायी... फिर भी आपको कैसी लगी?
~Abhishek Ojha~
तस्वीरें बहुत अच्छी हैं. आगे भी लिखिए.
ReplyDeleteमुझे अंतिम तसवीर सबसे अच्छी लगी ।
ReplyDeleteतस्वीरे अच्छी हे और घटना को भी शब्दों me अच्छे से उतारा ह
ReplyDeleteदिवेआगर मुंबई से कितनी दूर किस रास्ते पर है, जरा विस्तार से बताएं। जगह अच्छी दिख रही है। और आप मुरुड गए तो काशिद बीच पर भी थोड़ा समुद्र के मजे लेने चाहिए थे। अच्छी जगह है।
ReplyDeleteहर्षवर्धनजी, दिवेआगर मुम्बई से करीब २०० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. मुम्बई-गोवा हाइवे पर मनगाँव से दाहिनी तरफ़ मुड़ जाएँ आप दिवेआगर पहुच जायेंगे. वैसे मुरुड से काफ़ी पास है...
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