ज्यादा भूमिका नहीं. छुट्टी का दिन… शरारत सूझी और मैंने चैट स्टेटस लगा दिया "कोई बोर हो रहा है क्या?" और फिर जो संदेशों का सिलसिला चालू हुआ वो कुछ ऐसा था:
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वैभव: ये बताओ जो बोर हो रहा हो उसका मनोरंजन करोगे?
अभिषेक: हाँ
वैभव: मतलब एकदम निठल्ले हो क्या?
अभिषेक: हाँ
वैभव: आजकल वालस्ट्रीट में कोई काम नहीं हो रहा क्या?
अभिषेक: अबे जाओ, मैंने छुट्टी के दिन स्टेटस लगाया था कि कोई लड़की बोर
हो रही होगी. पहले तू भाग यहाँ से.
वैभव: फिर स्टेटस तो सही करो.
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नया स्टेटस: "कोई लड़की बोर हो रहा है क्या?" [जल्दी में रहा को रही करना भूल गया]
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मनु: हो रही यार रहा नहीं [इतने में डिस्कनेक्ट हो गया]
मनु: फरार हो गए! दाल में काला है ;)
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नया स्टेटस: "कोई लड़की बोर हो रही है क्या?"
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अमित: एनवायसी में कमी है क्या बोर लड़कियों की? :) तुम्हारे होते हुए
भी बोर नहीं हो रहीं ?
अभिषेक: एनवायसी में नहीं इन्टरनेट पर चाहिए :)
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रचना: मैं आज तुम्हे मैसेज करने ही वाली थी, लेकिन अब तुम उन्ही से बात
करो जो बोर हो रहीं है. मैं चली.
अभिषेक: अरे रुको, सुनो तो.
रचना: बाय, बेस्ट ऑफ लक... एन्जॉय टाकिंग टू योर बोरड गर्ल.
अभिषेक: यु देयर?
………
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संजय: ये धंधा कब चालु किया ? ;)
अभिषेक: रिसेसन है तो साइड बिजनेस करना पड़ता है :) [ये रिसेसन वाली सलाह भी किसी के मैसेज से ही मिली थी]
संजय: वैसे धांसू आईडिया है. लगे रहो. आई होप यू गेट सम रिटर्न.
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प्रियंका: (मेरी एमबीए क्लास की एक स्टूडेंट): सर, आप तो ऐसे ना थे, आपको
अमेरिका जाते ही क्या हो गया?
अभिषेक: अरे तुम छोडो, अब तुम्हे क्या बताऊँ एक शिक्षक की कुछ मर्यादा होती है :)
प्रियंका: अरे सर, आप तो छुपे रुस्तम निकले. पहले पता होता तो हम आपको
बताते... अब शिक्षक की मर्यादा होती है छात्राओं कि तो नहीं होती न ? :)
अभिषेक: हे हे.
प्रियंका: बेस्ट ऑफ लक सर.
अभिषेक: थैंक्स :)
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सौरभ: हाँ बे हो रही है बोर, मेरी गर्लफ्रेंड. क्या करेगा बता?
अभिषेक: उसीको बताऊंगा, बात करा उससे. आज लड़कों से बात नहीं करनी.
सौरभ: हाँ बेटा, कर ले बात. वो तो २४ घंटे बोर ही रहती है. मैं उसकी
बोरियत से चट गया हूँ और तुझे बोर हो रही लड़की चाहिए. संभल जा बेटा. सही
में मिल गयी न तो स्टेटस चेंज करने लायक भी नहीं बचोगे :)
तू बात करा, फिर देख.
.......
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राजू: भाई दो बोर हो रही हों तो कृपया एक इधर भेजें.
अभिषेक: जी बिल्कुल. पर लगता है ये लडकियां बोर ही नहीं होती. फ्री का
मनोरंजन उपलब्ध है तब भी नहीं !
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चिंटू: लड़का हो रहा है, चलेगा?
अभिषेक: किसे लड़का हो रहा है? :)
चिंटू: अरे भाग. मैं कह रहा हूँ कि लड़का बोर हो रहा है चलेगा क्या?
अभिषेक: नहीं, तुम क्राइटेरिया सैटिस्फाई नहीं करते. सॉरी.
चिंटू: एक दिन की छुट्टी में ऐसे ऐसे आईडिया आते हैं तुझे... इससे अच्छा
तो स्लीपिंग पिल लेकर सो जाया कर.
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अविराज: ये स्टेटस तो बहुत सही है सर, एलओएल :D
अभिषेक: कॉपी मत करना, कॉपीराईट प्रोटेक्टेड है. केस कर दूँगा :)
अविराज: सर, किसका कॉपीराईट है बोरड लड़की का या स्टेटस का :)
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पीयूष: ये सही है भैया, लड़की बोर हो तो हम आपको बताएं... वाह जी.
अभिषेक: ऐसा करो तो बहुत अच्छा, नहीं तो जो खुद बताएगी उसका मनोरंजन करने
का सौभाग्य तो मिलेगा ही :)
पीयूष: :)
अभिषेक: कोई बोर हो रही हो तो रेफर करना मत भूलना. :)
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हेम: अबे क्लास में बैठा हूँ और पूरी क्लास ही बोर हो रही हैं, लडकियां
भी है २० के आस पास. बोल क्या करना है.
अभिषेक: अबे यार ये तो बड़ी प्रॉब्लम है. मैं तो एक का टाइम पास बन
सकता हूँ. २० का मुश्किल है. :)
हेम: किसी काम के नहीं हो तुम. मुझे लगा कुछ आईडिया होगा तेरे पास.
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ऋचा: अभिषेक? ये तुम्ही हो? क्या हो गया है तुम्हे?
अभिषेक: अरे इसमें होना जाना क्या है? कोई बोर हो रही हो तो उसका मनोरंजन
कर दूँगा थोडा. तुम्हे तो पता है मेरी हेल्प करने की आदत है :)
ऋचा: अच्छा जैसे मैं ही सबसे बड़ी बेवकूफ हूँ दुनिया में. चेंज कर लो
स्टेटस नहीं तो जो एक दो से बात होती है न वो भी बंद हो जायेगी :)
अभिषेक: अरे ऐसा न बोलो. ऐसा क्या है इसमें ?
ऋचा: अब ये तो तब समझाना जब बात होनी बंद हो जायेगी :)
देखो डराओ मत. समझा तो लूँगा ही मैं. लेकिन ये बताओ इसमें प्रॉब्लम क्या है?
कुछ नहीं. टीटवायएल, बाय.
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सुमित: समझ नहीं आया?
अभिषेक: क्या?
सुमित: लड़की, बोर नहीं होगी क्या इन बातों से.
अभिषेक: इसमें समझना क्या है? कोई बोर हो रही होगी तो मेसेज करेगी. मैं
थोडा मनोरंजन कर दूँगा :)
सुमित: अमेरिका जाके बहके से लगते हैं जनाब ;), खाली लड़कियों का लड़कों का नहीं?
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अब तक इतना तो पता चल ही गया था कि लडको का मनोरंजन तो इस स्टेटस से ही हो गया :) कोई बोर होती तो नहीं मिली पर स्टेटस सुपरहिट हो गया. एकदम मुन्नीबाई के माफिक. और दूसरी बात ये कि आज कल लगता है लडकियां बोर नहीं होती. क्योंकि इस दौरान २० से अधिक बोर होते हुए लड़कों का मेसेज आया और कुल ४ लड़कियों का. एक और बात कोई लड़की किसी दूसरी बोर हो रही लड़की का मनोरंजन होता नहीं देख सकती क्या? वैसे छोटे से प्रयोग से निष्कर्ष नहीं निकल सकता. खैर… कोई बोर हो रही हो तो किसका पता देना है ये तो आप जानते ही हैं.
~Abhishek Ojha~
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इस ऊपर के चैट लॉग में कई ब्लॉगजगत के मित्र भी हैं. वो तो अपनी बात समझ ही जायेंगे. बाकी मैंने असली नाम और लिंक नहीं दिया है. कहीं किसी को बुरा लगा तो बेचारे मेरी पोस्ट के चक्कर में वो भी बदनाम हो जायेंगे. वैसे बदनामी का मार्केट तो मुन्नी ने सही कर रखा है पर बुरा मानने वाली बात का क्या? कौन कब किस बात का बुरा मान जाय !
काश! अपनी जवानी में भी ये ऑर्कुट, फेस बुक, चैट वगैरह रहे होते। नसीब वाले हो मित्र!
ReplyDelete@ आज कल लगता है लडकियां बोर नहीं होती. क्योंकि इस दौरान २० से अधिक बोर होते हुए लड़कों का मेसेज आया और कुल ४ लड़कियों का.
बस ऐसे ही खयाल आया कि 20 और 4 से 420 बनता है। :)
@ कोई लड़की किसी दूसरी बोर हो रही लड़की का मनोरंजन होता नहीं देख सकती क्या?
विचारणीय प्रश्न है।
वैसे पूरी पोस्ट में लंठई की भीनी खुशबू है। अब खुशबू के मायने मत पूछने लगना :)
20 में से केवल चार फिर भी आप का कहना है की लड़की बोर नहीं होती अच्छा व्यंग्य बधाई
ReplyDeleteइन दिनों अप लड़कियों की बोरिंग का धंधा शुरू कर दिए हैं क्या -स्तर,गहराई आदि की पूरी सांख्यिकी करिएगा ! :)
ReplyDeleteजिस उम्र में भाई chatting करता था, तब status लिखने की जरूरत नहीं होती थी, अपने आप 'feeling bored ?' वाले message आते रहते थे एक आध घंटे में, और साथ में समाधान हेतु 'naughty links' भी देते थे, कमबख्त आदमी होते थे या bot, पता नहीं ... आजकल लगता है spam guard मजबूत हो गया है जो अपनी तरफ से शुरूआत करनी पड़ती है .. नतीजा फिर भी सिफर !
ReplyDeleteबताइये, बोर लड़की से बात करने में आप कौन सा उपकार कर देंगे मानवता पर?
ReplyDeleteबोर करने वाली,
या शोर करने वाली,
मिले तो बताइयेगा उसका पता,
जो हो,
डूबती रातों में,
भोर करने वाली।
हाय बड़े दिनों बाद असल कुंवारों सी पोस्ट दिखी....वर्ना खामखाँ कई गणितीय पोस्ट ये भ्रम देती थी .छोरा गंभीर है .हंसने से पहले भी चार प्रमेय के बारे में सोचता है .राजू का जवाब झकास है ....आखिर में लिखी गयी सफाई की क्या जरुरत थी भाई...
ReplyDeletewe are like this only.......
वैसे असल में कितनो की बोरियत दूर की .ये गोल कर गए आप.....
आईडिया तो धास्सू है जी कभी आज्मा कर देखेगे, जब हम भी की बोर हुये तो....
ReplyDelete@प्रवीण पाण्डेय: प्रवीणजी, बोरियत दूर करना तो वैसे ही मानवता का उपकार करना है. किसी का भी. चाहे लड़का हो या लड़की. और हम दुसरे वाले मामले में अपने आपको ज्यादा सक्षम मानते हैं . :)
ReplyDeleteहे ..पाठक लोग (ये उभयलिंगी शब्द डाल दिया है, ध्यान रहे..) अगर इस बोर पोस्ट को पढ़कर बोर हो रहे हो तो मेरे अपेक्षाकृत ज्यादा बोर ब्लॉग पर ज्यादा बोर होने के लिए कृपया पधारें. बोर होने की शर्तिया गारंटी. :)
ReplyDeleteअच्छा धंधा ढूंढा है. लगता कुछ ज्यादा ही फ़ायदे का है, कुछ स्कोप हो तो हम और भाटिया जी भी शुरु कर दे क्या? अपनी राय दिजियेगा.:)
ReplyDeleteरामराम.
@ताऊ रामपुरिया: ताऊ इसे धंधा मत कहो. ये तो सेवा का काम है. निःस्वार्थ सेवा. और सेवा में फायदा नहीं देखा जाता. जहाँ तक घाटे का सवाल है अपने जैसे जिनके पास खोने को कुछ नहीं है के लिए ये कॉल आप्शन की तरह है. जाने को कुछ ज्यादा नहीं है. लेकिन अपसाइड चल गया तो बहुत है. हमारी छोडो, आपकी ताई भाटियाजी का मेड इन जर्मन लट्ठ लेके आ गयी तो इस सेवा उर्फ़ धंधे के बारे में सोचने लायक नहीं बचोगे :)
ReplyDeleteमैंने तुम्हारा या स्टेटस देखा था और मन ही मन ये सोचा था की लड़के को अमरीका की हवा लग गई। बहरहाल तुमने किसी लड़की का मनोरंजन किया या नहीं, इस पोस्ट को पढ़ कर हमारा मनोरंजन हो गया।
ReplyDeleteहाहा :)
ReplyDeleteइनमें से कुछ चेहरे तो जाने पहचाने लगे ;) और जिनको नहीं जान पाया उन्हे पढकर ’और’ मजे आये..
डॉ० साहेब के सवाल का जवाब नहीं दिया.. ;) शायद दिखा नहीं होगा.. चलो हम उसे ’कोट’ पहना देते हैं..
"वैसे असल में कितनो की बोरियत दूर की?"
रिचा की बात पर कान दो और गणित को दो महीने छुट्टी भेज के ज़रा शेरो-शायरी में दिल लगाओ! नेक सलाह ज़िन्दगी में जब मिल जाये तभी लपक लेनी चाहिये!
ReplyDeleteगिरिजेश भाई जिस बात का मातम मना रहे हैं..
ReplyDeleteकाश! अपनी जवानी में भी ये ऑर्कुट, फेस बुक, चैट वगैरह रहे होते। नसीब वाले हो मित्र!
अच्छा हुआ हमें समय रहते उपलब्ध हो गई. :) वरना बाद में हम भी यही रोना रोते.
Ladkiyan kyun bore hone lagin we to aapko bore kar den. Waise ye totake jada chalenge nahee.
ReplyDelete@पंकज: भाई इसपर काउंटर लगाना भूल गया :)
ReplyDeleteपर कोई निराश नहीं लौटती अपने यहाँ से. बहुत बड़ा टाइम पास इंसान हूँ मैं. बस पास करने के लिए टाइम होना चाहिए, अपने पास भी और उसके पास भी. डाउट है तो किसी को रेफर करके देख लो ;)
बचवा ...सम्हाल कर !!!
ReplyDeleteबोर होना ठीक है...पर महिलाओं की बोरियत भगाऊ अभियान ???????
वैसे निचोड़ सही निकाला है और शीर्षक एकदम परफेक्ट है.....
ReplyDeleteबेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !
आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें
वाह भई वाह !
ReplyDeleteबहुत बढ़िया पोस्ट है.
ReplyDeleteपढ़ तो कल ही लिया था लेकिन टिप्पणी करना बाकी रह गया था. ज़रूरी नहीं था लेकिन यह पूछना था की लड़कियों के बोरगति प्राप्ति की बात ही इतनी क्यों बढ़ गई?
hahaahaha....sahi hai bhai ....status hai bhi superhit hone layak ... :)
ReplyDeleteधन्य हैं आप :)
ReplyDeleteये दुनिया अगर बची हुई है तो तुम्हारे जैसे स्वयंसेवकों के चलते। बोरियत जब तक रहेगी तुम खाली नहीं रहोगे। :)
ReplyDeletesunder prastooti,lajwab lekhan shalli.bore hone wali auraton ke bare mein kabhi socha aapne.
ReplyDeleteहम अक्सर दफ्तर से देर रात गए यह मैसेज टांग दिया करते हैं "अगर आप मुझे जल्दी दफ्तर से घर में देखना चाहते हैं तो बे मतलब का परेशान ना करें.. कुछ काम की बात हो तो ही पिंग करें.." उस समय दोस्तों कि बोरियत देखते ही बनती थी.. जिसे देखकर यही लगता है कि "ऐसे दोस्त हों तो दुश्मन कि जरूरत किसे है.."
ReplyDeleteजवान.. हिम्मत करो और सभी का लिंक लगा दो.. हिंदी ब्लोगिंग करते हो, कोई घास थोड़े ही ना छिलते हो.. ;)
ReplyDelete'कोहबर की शर्त' हमें भी आकर्षित कर रही है, आज ही पुस्तक मेले में खोजता हूँ।
ReplyDelete................
…ब्लॉग चर्चा में आप सादर आमंत्रित हैं।
ऐसा लग रहा है किये स्टेटस तो मेने भी देखा था और ऐसा भी लग रहा है कि कुछ कमेंट भी किया था। कुछ ठीक से याद नही ...! वैसे अगर नही किया था तो भगवान का शुक्रिया और अगर किया था तो आपका....!
ReplyDelete:) :)