अलीबाग का नाम आपने जरूर सुना होगा... हिन्दी फिल्मों में अक्सर इसका जिक्र आता है. महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में स्थित अलीबाग के आस-पास कई खुबसूरत समुद्री तट हैं. पर सबसे प्रसिद्द है... 'अलीबाग बीच'. पुणे से लोनावाला-खोपोली-पेण होते हुए तक़रीबन १४० किलोमीटर कि यात्रा करने के बाद अलीबाग आता है. मानसून का समय हो तो ये रास्ता भी अपने आप में बड़ा खुबसूरत होता है. (वैसे पुणे-मुंबई के आस-पास मानसून के समय घुमने का मजा ही कुछ और है... मुंबई पुणे के बीच के एक्सप्रेस मार्ग पर भी काफ़ी अच्छे दृश्य देखने को मिलते हैं) अगर मुंबई से आना हो तो यहाँ तक सीधे जल मार्ग से भी पहुँचा जा सकता है.
खुली हवा, ढेर सारे पक्षी और साफ़ दूर तक फैले हुए समुद्री तट के अलावा अलीबाग बीच पर स्थित 'कोलाबा किला' भी दर्शनीय है. (यह मुंबई के कोलाबा से भिन्न है) मुरुड-जलजीरा भी पास में ही स्थित है. समुद्र तट कि खूबसूरती तो आप तस्वीरों में देख ही सकते हैं. कोलाबा किला अलीबाग तट से करीब २ किलोमीटर दूर समुद्र में स्थित है. लो टाइड (भाटा) हो तो पैदल या घोड़ा गाड़ी से आसानी से जाया जा सकता है नहीं तो नाव से जाना पड़ सकता है. कई बार ज्वार कि स्थिति में वहां जाना खतरनाक हो सकता है. वहां पर हुई दुर्घटनाओं तथा सावधान रहने कि चेतावनी आप जरूर ध्यान से पढ़ लें (मैंने नहीं पढ़ा था पर आप ऐसी गलती मत कीजियेगा :-)
अरब सागर है तो सूर्यास्त तो खुबसूरत होना ही है!
समुद्र के किनारे पक्षियों का बसेरा !
पक्षियों के साथ उड़ जाने की असफल कोशिश !
कोलाबा किला
प्रोफेशनल मछुवारे तो नहीं ... पर उनसे कम भी नहीं :-) (इनवेस्टमेंट बैंकिंग के बाद का कैरियर विकल्प)
किले का निर्माण छत्रपति शिवाजी ने १७ वीं सदी के उत्तरार्ध में किया था. इस किले के निर्माण को शिवाजी की दूरदर्शिता और उनके जल सेना के उपयोग के प्रमाण के रुप में भी देखा जाता है. कहते हैं कि शिवाजी ने उसी समय नौ सेना की उपयोगिता समझ ली थी और ऐसे किलों के साथ-साथ उत्तम नौ-सैनिक बेडे की व्यवस्था भी की थी. खँडहर का रूप ले चुके किले के अन्दर मीठे पानी का कुँआ है और गणेश भगवान का एक शांत मन्दिर... आज बस इतना ही अगली कड़ियों में... हरिहरेश्वर, श्रीवर्धन, मुरुड-जलजीरा, और करडे-बीच घुमने चलते हैं।
~Abhishek Ojha~
आनन्द आ गया तस्वीरें देख कर. बहुत बढिया.
ReplyDeleteसुन्दर और मोहक हैं चित्र। महाराष्ट्र के इस हिस्से को देखना जरूर चाहिये। यहां पंहुच कर मानसिक हलचल की वेवलेंथ बहुत बदल जाती है।
ReplyDeleteमनमोहक तस्वीरें हैं। इन स्थानों पर घूमने का आनन्द तो आया ही होगा। बधाई।
ReplyDeleteहम तो साहब जल गये,रश्क खा गये आपकी इन मौज भरी तस्वीरे देखकर ,इधर हमारे यहाँ कांवड़ के कारण रस्ते भी बंद रहेगे ओर काम भी ठंडा रहेगा....सोचते है कई नजदीक ही हम भी घूम आये .
ReplyDeleteलो जी, अकेले-अकेले हो आए। पश्चिम भारत तो मैनें छुआ भी नहीं है। देखें कब मौका लगता है। यह पढ़कर तो लग रहा है कि बस निकल ही पड़ूँ। वैकल्पिक करियर के बारे में तो मुझे भी सोचना है न। तस्वीरें मस्त ली हैं भाई।
ReplyDeleteशुभम।
अलीबाग का नाम तो बहुत सुना था, पहली बार उसके बारे में पढने को मिला। साथ में दिये चित्रों ने वर्णन को सजीवता प्रदान कर दी।
ReplyDeletewaah...man kar raha hai ki chhutti ke liye apply kar doon.
ReplyDeleteदोनों भाग एक साथ पड़े। सच में समुद्री तट काफी शांत और रमणीक लगा।
ReplyDeleteसूर्यास्त को देख कर गुजरात यात्रा जो अभी कुछ समय पहले की थी याद आ गई तस्वीर देख कर और लेख पढ़ कर लगता है अब इस तरफ़ का प्रोग्राम बनाना पड़ेगा ,नीरज जी पहले ही कुछ ऐसी तस्वीर दिखा चुके हैं :)
ReplyDeleteवाह क्या चित्र हे मजा आ गया, मेने भारत मे यात्रा बहुत कम की हे, अब दिल करता हे सब कुछ एक साथ देख लु. बहुत अच्छी लगी आप की कोंकण यात्रा, धन्यवाद
ReplyDeletebahut sundar sachitr yatr vivaran ke liye dhanyawaad.
ReplyDeleteक्या मस्ती है अभिषेक...लगता है इसी में busy रहे..तस्वीरें देख कर really रश्क आरहा है आप पर,आप लोगों की भी क्या जिंदगी है...पूरी तरह आजाद, ना कोई पाबन्दी न कोई डर...मजाक कर रही हूँ...इसी तरह मस्ती करते रहे...और हमें भी करते रहें...अरे भई, देखने की हद तक...बहुत अच्छी लगीं तस्वीरें...मस्ती से पूरी तरह भरी हुयीं. thanks
ReplyDeletesundar taswiren hain bhaiya
ReplyDeleteरोचक यात्रा वृत्तान्त।
ReplyDeleteसुंदरतम चित्रों के साथ रोचकता से परिपूर्ण रही यात्रा। साधुवाद।
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