ये कहानी मैंने एक प्रतियोगिता के लिए लिखी थी... प्रतियोगिता का परिणाम तो पता नहीं क्या होगा... वैसे बिना किसी पौराणिक घटना को आधार रखे बिना कहानी लिखने का ये मेरा पहला प्रयास था...
अब पढ़ता हूँ तो लगता है कि और अच्छा लिख सकता था, पर वही पुरानी आदत... एक बार जो लिख दिया फिर से पढ़ के बदल नहीं पाता... pdf अपलोड कर रहा हूँ क्योंकि ये कहानी shusha font में लिखनी पड़ गयी थी... आशा करता हूँ कुछ पाठकों को पसंद आएगी।
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~Abhishek Ojha~
Good Effort..
ReplyDeleteGood Luck! keep writing...