पिछली पोस्ट ऐसे मुहूर्त में शेड्यूल हुई की उस पर आई टिपण्णी भी कई दिनों तक नहीं देखी गई... आज रीडर खोल के देखा तो पता चला कि न्यूज़ और सम्पादकीय फीड को हटा भी दूँ तो भी अपठित लेखों की संख्या ५०० पार कर गई है... समय अभी आगे भी कुछ दिनों तक नहीं मिलने वाला है, घर पर जो मस्त इंटरनेट है उसका उपयोग ना करने का जो दुःख है वो तो मैं ही समझ रहा हूँ और इधर कुछ इस तरह के ईमेल आ रहे हैं:
'कहाँ हो भाई?'
'मर गए क्या?'
'नया नंबर तो दे दो !' (मुझे तो लगता है कि बिना मोबाइल के अब हिन्दुस्तान २ मिनट भी नहीं चल पायेगा ! नंबर नहीं लग रहा मतलब बस एक ही बात हो सकती है कि चेंज कर लिया ! बिना मोबाइल के भी भला कोई रहता है क्या? हद है !)
'ऐसे, कैसे, कहाँ गुम गए हो?, कोई ख़बर ही नहीं है !'
और कुछ मित्रगण ऐसे शुभाषितों का उपयोग करते हैं कि यहाँ लिख ही नहीं सकता. कुछ लोगों को नंबर दे दिया तो फोन करके गाली दे रहे हैं. आप भी कुछ मतलब न निकाल ले इसलिए हमने सोचा कि एक ब्लॉग-विज्ञप्ति दे दी जाय. ब्लॉग विज्ञप्ति में बस इतना ही कि अभी ये अज्ञातवास और अपने ब्लॉग के साथ-साथ आपके ब्लॉग पर अनुपस्थिति जारी रहेगी १०-१२ दिनों तक. उसके बाद ही वापसी सम्भव है...
हाँ अपने ब्लॉग का तो कुछ नहीं कर सकता पर आपके पोस्ट रीडर में पड़े इंतज़ार कर रहे हैं, उनको पढ़ लिया जायेगा, और गणित के ब्लॉग पर छुट्टी चल रही है... आनंद लिया जाय !
तब तक अजित जी के ब्लॉग पर हमारा लंबा बकवास पढ़ सकते हैं ! ये लीजिये एक तस्वीर भी चेपे जा रहे हैं ! आजकल इधर ही डेरा जमा है... बाकी लिखने का समय होता तो आपके ब्लॉग पर टिपियाता नहीं? और हाँ एक बात पता चली की मैं अपने ब्लॉग से भी पहचाना जाता हूँ, साला अपनी तो कोई औकात ही नहीं है, अब लोग इस ब्लॉग के सहारे पहचानते हैं... :(
~Abhishek Ojha~
ज्यादा दिन गायब मत रहना वर्ना जनता भुलाते देर नहीं करती! :)
ReplyDeleteयह कहाँ पर हो-न्यूयार्क या शिकागो?? अपना फोन नम्बर ईमेल करो- sameer.lal@gmail.com
ReplyDeleteऔर हाँ, ई स्वामी जी की बात ध्यान से सुनो-अनुभव से कह रहे हैं. :)
जे लो समीर जी ब्लॉगर हैं, कनाडा में रहते हैं तो नम्बर उन्हें भी चाहिए.... हम भी कतार में हैं.. :)
ReplyDeleteवाह ! तो आप वहां है ..अच्छा है ..खूब मजे कीजिये ..हमारे ब्लॉग आपका इन्तजार करेंगे :)
ReplyDeletemaine to pahle hi kaha tha(email kiya tha),avishek Bhayi ko sunana hi nahi hai,jaldi aaiye hum bhi hain katar me.
ReplyDeleteare humein to pata hi nahin tha ki ajit ji ke yahan aapki bakwaas chal rahi hai. ab hum bhi jara chutti pe ja rahe hain laut kar aapki dastaan sukoon se padhenge .
ReplyDelete"...मैं अपने ब्लॉग से भी पहचाना जाता हूँ, साला अपनी तो कोई औकात ही नहीं है, अब लोग इस ब्लॉग के सहारे पहचानते हैं... :( ..."
ReplyDeleteबधाई हो!
हम सोच ही रहे थे की ये प्रश्न पूछ ही ले तुमसे.....?की आज ये तस्वीर देख कर लगा की ऐसी जगह हो तो साला ऐसे में कौन कोम्पुटर से चिपकेगा ?आते जाते रहा करो भाई .....
ReplyDeleteJyaada door mat jaana bhai, yaad aayegi.
ReplyDeleteई-स्वामी क्या सही कह रहे हैं?!
ReplyDeleteयहां की बधाई..
ReplyDeleteवहीं ले लो मेरे भाई....
ye jagah kaun si hai jahaan aap hain....jo bhi hai badi mast jagah hai.
ReplyDeleteअभिषेक भाई,
ReplyDelete"ये क्या जगह है ? ये कौन सा दयार है ? " अगर समय हो तब समीर भाई के साथ मुझे भी आप नँबर मेअ करिये - lavnis@gmail.com पर
- लावण्या
Kamaal hai bhai...Rajesh Roshan ji bhi apni baat kahne ke MOST POPULAR BLOGGER SAMIR ka bahaana lekar baat kar rahe hain. baharhaal aap blog par likhte rahiye e-swami galat nahi kah rahe.
ReplyDeleteye to newyork dikkhe hai manne, investment banking se jure ho to walstreet me hoge aajkal
ReplyDeletekuch ek avenue uppar hum bhi hain
ReplyDeleteनमस्कार, राम राम
ReplyDeleteआपका यह वृत्त काफी अच्छा लगा, हम ईस्वामी जी की बात से सहमत नही है। आप अपने मुकाम को हासिल कर लोगो तो लोग आपको हमेशा याद रखेगे। आज अमिताभ या आमिर अपने ब्लाग की वजह से नही जाने जाते है जबकि उनके ब्लाग उनकी वजह से जाने जाते है।
ReplyDeletebahut khoobsoorat jagah hai, ab aisi jagah pahunch kar hamari yaad aayegi bhi kaise...vaise aap chaahe jitne din gaayab rahen, hamare liye vaise hi rahenge.
ReplyDeleteaaj 22 hogai abhi tak log pereshan ho rahe hain .. aap per vo sher fit baith ta hai ki
ReplyDelete"belche lao,kholo zami ki tahen...
main kahan hun dafan, kuchh pata to chale..."
pehli bar aap ke blog per aaya behtar laga
sumati
sahi hai aapka funda....itni sundar jagah ka aanand uthaye..
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