ओझा उवाच
Once upon a time I tried to write ...
Dec 31, 2021
सरल करें!
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बचपन में किसी बात पर किसी को कहते सुना था – “अभी ये तुम्हारी समझ में नहीं आएगा। ये बात तब समझोगे जब एक बार खुद पीठिका पर बैठ जाओगे।” यादों क...
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Jul 27, 2021
रिटायरमेण्ट@45
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[आदरणीय ज्ञानदत्त जी की पोस्ट रिटायरमेण्ट@45 पोस्ट पढ़ने के बाद लगा कि दो-चार बातें कहनी चाहिए। तो उन बातों को … पढ़ा जाय।] १ पिछले कुछ वर...
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Jun 19, 2021
मौसम नहीं, मन चाहिए!
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[ट्विट्टर पर एक वायरल फोटो देख “ where I need to study ” मन में एक प्रश्न उठा कि ये सब भी लगता है पढ़ाई में? हमें तो लगता था पढ़ाई के लिए क...
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May 27, 2021
... गिरिजेश राव 🙏
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गिरिजेश राव का जाना असहनीय है। उनकी कमी रहेगी। आजीवन। क्या समझें, क्या समझाएँ और क्या लिखें! वो ऐसे थे कि उनके नाम के आगे आचार्य स्वतः लग ज...
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Mar 30, 2021
हिन्दी
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‘लेबंटी चाह’ के एक प्रोग्राम में एक प्रश्न उठा: मैंने ‘लेबंटी चाह’ हिन्दी में क्यों लिखा? अंग्रेज़ी क्यों नहीं? काम करते हो न्यू यॉर्क में,...
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