tag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post9168310687048434562..comments2023-10-26T09:37:37.046-04:00Comments on ओझा उवाच: ...उस पारAbhishek Ojhahttp://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-45221457954852969062016-05-13T02:18:30.513-04:002016-05-13T02:18:30.513-04:00https://bnc.lt/m/GsSRgjmMkt
निज भाषा उन्नति अहै, ...https://bnc.lt/m/GsSRgjmMkt<br /><br />निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।<br />बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।<br /><br />बात मात्र लिख भर लेने की नहीं है, बात है हिन्दी की आवाज़ सुनाई पड़ने की ।<br />आ गया है #भारतमेंनिर्मित #मूषक – इन्टरनेट पर हिंदी का अपना मंच ।<br />कसौटी आपके हिंदी प्रेम की ।<br />जुड़ें और सशक्त करें अपनी हिंदी और अपने भारत को ।<br /><br />#मूषक – भारत का अपना सोशल नेटवर्क<br /><br />जय हिन्द ।<br /><br />https://www.mooshak.in/loginAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/15510915562013210588noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-2950457178668771442016-02-15T09:00:25.999-05:002016-02-15T09:00:25.999-05:00रोचक प्रस्तुतीकरण
बहुत खूब
बधाई रोचक प्रस्तुतीकरण <br />बहुत खूब <br />बधाई Jyoti kharehttps://www.blogger.com/profile/02842512464516567466noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-52446153169157658782016-02-11T04:31:13.554-05:002016-02-11T04:31:13.554-05:00इतना रोचक कि ...इतना रोचक कि ...Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-3319711902274457872016-02-11T00:52:26.168-05:002016-02-11T00:52:26.168-05:00इ उमर में भी ऐसे लच्छन. राम राम! 'शायद हमारी त...इ उमर में भी ऐसे लच्छन. राम राम! 'शायद हमारी त्वचा से हमारी उम्र का पता ही नहीं चलता होगा ! :)' यही एक लाइन लिखने के लिये इतना लंबा पोस्ट लिख दिये :P ये तो ओल्ड स्कूल ब्लौगिंग हो गयी कि किसी भी चीज से पोस्ट लिखने का मसाला मिल सकता है. जीते तो भी, जज बने तो भी. बहरहाल इतनी दूर विदेस में संतूर साबुन लाते कैसे हो? क्या इंडिया वाले ले कर जाते हैं?<br /><br />पोस्ट में कई ग्यान की बातें मिलीं, टेपने लायक और टीपने लायक भी. सोच रहे हैं अगली बार कोई प्रेम से बात करेगा तो उसको चिपका देंगे, इ वाला तो स्पेसली... '‘अरे नहीं सर ऊ त ठीके है. बिना उसके इहाँ काम चले वाला है? इहाँ नहीं चलेगा आपका परेम-मोहबत. आप नहीं समझेंगे यहाँ का मनेजमेंट… यहाँ परेम देखाइयेगा त जूनियर एम्प्लाई आपका बेटीओ लेके भाग जाएगा’।.'<br /><br />तुम्हारा अपना ही ब्लौग है, तनी बेसी लिखा करो, वरना पोस्ट का भी संख्या देख कर ब्लौग का उमर जानना मुस्किल हो रहा है ;) लजा लजा कर तनी मनी झांकते रहता है हमरे साइडबार में :)<br /><br />अरे हाँ, उ 6 लोग में एक हम भी तो थे :) :)<br /><br />Puja Upadhyayhttps://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-90427015160832277182016-02-10T12:03:17.886-05:002016-02-10T12:03:17.886-05:00आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन ब्लॉग बुलेटिन और &#...आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन <a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2016/02/deshdrohi-jnu.html" rel="nofollow">ब्लॉग बुलेटिन और 'देशद्रोही'</a> में शामिल किया गया है। <b>कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।। </b>HARSHVARDHAN https://www.blogger.com/profile/15717143838847827989noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-50950548062033111762016-02-10T10:25:08.304-05:002016-02-10T10:25:08.304-05:00भाषणबाजी सुनकर अक्सर लगता है... कि भाषणबाजी अगर इस...भाषणबाजी सुनकर अक्सर लगता है... कि भाषणबाजी अगर इस पार का काम है तो उसे जीना उस पार का। ज्ञान सुनाने वाले को समस्या हलवा लगती है और संसार बेवकूफ ! वहीँ सुनने वाले को लगता है - मेरी जगह होते तो इन्हें पता चलता ! सही भी है जब तक आप इस पार रहते हैं तब तक उस पार का सोच पाना कठिन सा होता है कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.com