tag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post5512090499437344753..comments2023-10-26T09:37:37.046-04:00Comments on ओझा उवाच: प्रेम गली अति...Abhishek Ojhahttp://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-18812248363252622372011-02-23T11:17:04.587-05:002011-02-23T11:17:04.587-05:00@धन्यवाद सत्यजी, आप फिर से आये हमें ख़ुशी हुई. लिख...@धन्यवाद सत्यजी, आप फिर से आये हमें ख़ुशी हुई. लिखने पर मजबूर किया हो तो क्षमा मांग लें :)Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-61269847872533931492011-02-22T08:53:26.023-05:002011-02-22T08:53:26.023-05:00ओह .. जबर .
. बहुत दिन बाद आया इस गली । पर अपने ब...ओह .. जबर .<br />. बहुत दिन बाद आया इस गली । पर अपने बिना लिखे जाने नही दिया । <br /> सत्यSatya Vyashttps://www.blogger.com/profile/13617417566524777577noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-64593764873456453302011-02-14T11:54:58.187-05:002011-02-14T11:54:58.187-05:00@दोनों अनुरागजी: शुक्रिया !
@वैभव: तुम भी पढ़ते ह...@दोनों अनुरागजी: शुक्रिया ! <br />@वैभव: तुम भी पढ़ते हो ये जानना सुखद है. वैसे तो तुमने पहले भी बताया है पर सुखद है तो है.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-27669532448019022592011-02-14T09:00:50.780-05:002011-02-14T09:00:50.780-05:00धीमे धीमे जीवन के यथार्थ को समझता जा रहा है वो!!!धीमे धीमे जीवन के यथार्थ को समझता जा रहा है वो!!!Vaibhavhttps://www.blogger.com/profile/16860165702643850389noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-44880986419816782712011-02-13T10:34:31.248-05:002011-02-13T10:34:31.248-05:00डॉ. दिव्या श्रीवास्तव ने विवाह की वर्षगाँठ के अवसर...डॉ. दिव्या श्रीवास्तव ने विवाह की वर्षगाँठ के अवसर पर किया पौधारोपण<br />डॉ. दिव्या श्रीवास्तव जी ने विवाह की वर्षगाँठ के अवसर पर तुलसी एवं गुलाब का रोपण किया है। उनका यह महत्त्वपूर्ण योगदान उनके प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता, जागरूकता एवं समर्पण को दर्शाता है। वे एक सक्रिय ब्लॉग लेखिका, एक डॉक्टर, के साथ- साथ प्रकृति-संरक्षण के पुनीत कार्य के प्रति भी समर्पित हैं।<br /> “वृक्षारोपण : एक कदम प्रकृति की ओर” एवं पूरे ब्लॉग परिवार की ओर से दिव्या जी एवं समीर जीको स्वाभिमान, सुख, शान्ति, स्वास्थ्य एवं समृद्धि के पञ्चामृत से पूरित मधुर एवं प्रेममय वैवाहिक जीवन के लिये हार्दिक शुभकामनायें।वृक्षारोपण : एक कदम प्रकृति की ओरhttps://www.blogger.com/profile/01360818390523348171noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-67448063132553377392011-02-13T10:33:21.377-05:002011-02-13T10:33:21.377-05:00kyaa prem gali hai Ojha ji........
एक निवेदन......kyaa prem gali hai Ojha ji........<br /><br /><br /><br />एक निवेदन.......सहयोग की आशा के साथ....<br /><br />मैं वृक्ष हूँ। वही वृक्ष, जो मार्ग की शोभा बढ़ाता है, पथिकों को गर्मी से राहत देता है तथा सभी प्राणियों के लिये प्राणवायु का संचार करता है। वर्तमान में हमारे समक्ष अस्तित्व का संकट उपस्थित है। हमारी अनेक प्रजातियाँ लुप्त हो चुकी हैं तथा अनेक लुप्त होने के कगार पर हैं। दैनंदिन हमारी संख्या घटती जा रही है। हम मानवता के अभिन्न मित्र हैं। मात्र मानव ही नहीं अपितु समस्त पर्यावरण प्रत्यक्षतः अथवा परोक्षतः मुझसे सम्बद्ध है। चूंकि आप मानव हैं, इस धरा पर अवस्थित सबसे बुद्धिमान् प्राणी हैं, अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि हमारी रक्षा के लिये, हमारी प्रजातियों के संवर्द्धन, पुष्पन, पल्लवन एवं संरक्षण के लिये एक कदम बढ़ायें। वृक्षारोपण करें। प्रत्येक मांगलिक अवसर यथा जन्मदिन, विवाह, सन्तानप्राप्ति आदि पर एक वृक्ष अवश्य रोपें तथा उसकी देखभाल करें। एक-एक पग से मार्ग बनता है, एक-एक वृक्ष से वन, एक-एक बिन्दु से सागर, अतः आपका एक कदम हमारे संरक्षण के लिये अति महत्त्वपूर्ण है।वृक्षारोपण : एक कदम प्रकृति की ओरhttps://www.blogger.com/profile/01360818390523348171noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-61377893461606465762011-02-13T09:23:35.134-05:002011-02-13T09:23:35.134-05:00लकडी को क्या सिखायें भला सोचती है राख
बच्चे अब बढ ...लकडी को क्या सिखायें भला सोचती है राख<br />बच्चे अब बढ रहे हैं खुद ही लेंगे सीख साख<br /><br />शेर तो ठीक बन नहीं सका मगर भाव कुछ यूँ ही आया इस खूबसूरत कहानी को पढकर!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-59170505945616647742011-02-13T02:07:38.138-05:002011-02-13T02:07:38.138-05:00love you buddy.....for this post....
एक उम्र के ...love you buddy.....for this post....<br /><br />एक उम्र के फासलों को उसने एक दिन में मापने की कोशिश की है.........<br /><br />gave you another side of you.....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-7998976366670023262011-02-12T11:47:28.495-05:002011-02-12T11:47:28.495-05:00@डॉ० डंडा जी लखनवी: शुक्रिया.@डॉ० डंडा जी लखनवी: शुक्रिया.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-47510537770365175582011-02-12T11:45:25.728-05:002011-02-12T11:45:25.728-05:00@रश्मिजी: वाह ! आपकी टिपण्णी तो पोस्ट पर भारी पड़ ...@रश्मिजी: वाह ! आपकी टिपण्णी तो पोस्ट पर भारी पड़ रही है. धन्यवाद.<br /><br />@ताऊ: सत्यवचन ! :)Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-37240669805280415772011-02-12T11:44:12.102-05:002011-02-12T11:44:12.102-05:00@संजयजी: ...जबतक कोई और हाथ देकर ना उठा ले ;)
@प्र...@संजयजी: ...जबतक कोई और हाथ देकर ना उठा ले ;)<br />@प्रवीणजी: :)<br />@नीरज भाई: पता नहीं, विंडोज लाइव से लिखा और पोस्ट कर दिया. कई लोगों का ईमेल आया कि फीड में देख रहा है ब्लॉग नहीं खुल पा रहा !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-88257999241504742472011-02-12T11:40:54.200-05:002011-02-12T11:40:54.200-05:00रंजनादी की ईमेल टिपण्णी:
पाठक को बाँध कर रखने वा...<a href="http://www.blogger.com/profile/01215091193936901460" rel="nofollow"> रंजनादी </a> की ईमेल टिपण्णी:<br /><br />पाठक को बाँध कर रखने वाली और कथानक की भावभूमि पर पहुंचा देने वाली तरल ,जीवंत कहानी/संस्मरण...<br /> <br />बहुत सुन्दर...वाह !!!Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-13037039936852871642011-02-12T10:49:41.817-05:002011-02-12T10:49:41.817-05:00अगर प्रेम गली सांकरी और रपटीली ना होकर चौडी होती त...अगर प्रेम गली सांकरी और रपटीली ना होकर चौडी होती तो लोग उसमे फ़ंसते ही क्यों?:)<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-45296557988475279132011-02-12T08:36:44.232-05:002011-02-12T08:36:44.232-05:00ओझा जी!
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दर्द जब बेजुबान होता है।
चित्...ओझा जी!<br />========<br />दर्द जब बेजुबान होता है।<br />चित्त में इक उफान होता है॥<br />प्यार को वो बुलंदी देता है-<br />जो सतत सावधान होता है॥<br />===================<br />सद्भावी - डॉ० डंडा लखनवीडॉ० डंडा लखनवीhttps://www.blogger.com/profile/14536866583084833513noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-73165048473736763932011-02-12T05:11:52.605-05:002011-02-12T05:11:52.605-05:00देर तक इंतज़ार करवा कर सॉरी..सॉरी बोलती हुई....पर ...देर तक इंतज़ार करवा कर सॉरी..सॉरी बोलती हुई....पर महसूस नहीं करती हुई<br /><br />जरा सी देर पर... बोलने से ज्यादा सॉरी महसूस करती हुई.<br /><br />एक बलखाती नदी....दूसरी शांत झील<br />मन, कभी चंचल नदी के साथ बहना चाहता है....कभी झील संग गुमसुम बैठना..<br /><br />उधो क्यूँ मन ना हुए दस-बीस.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-55240562471408319792011-02-11T21:49:12.578-05:002011-02-11T21:49:12.578-05:00wo isliye ki jaise hi unhone new post wale link pa...wo isliye ki jaise hi unhone new post wale link par click kiya , aapne edit post shuru kar diya .. I thinkNeerajhttps://www.blogger.com/profile/11989753569572980410noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-25582633456483489442011-02-11T12:04:00.449-05:002011-02-11T12:04:00.449-05:00इतनी बार फिसलेंगे कि गली का नाम भूल जायेंगे।इतनी बार फिसलेंगे कि गली का नाम भूल जायेंगे।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-87488822729272191552011-02-11T11:43:38.085-05:002011-02-11T11:43:38.085-05:00प्रेम गली अति रपटीली, गिरे जो फ़िर न उठ पाये...प्रेम गली अति रपटीली, गिरे जो फ़िर न उठ पाये...संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.com