tag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post1928025597445955492..comments2023-10-26T09:37:37.046-04:00Comments on ओझा उवाच: कृष्ण की हार और धमाकों से लाभAbhishek Ojhahttp://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-16901928809859781992008-09-16T11:03:00.000-04:002008-09-16T11:03:00.000-04:00Dhamake ke bare mein kahi tumhari baat bas apne di...Dhamake ke bare mein kahi tumhari baat bas apne dil se nikli lagi. Bahut achchi terah aam aadmi ke man ki baat ko shabdaManish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-52327480936741804002008-09-16T04:33:00.000-04:002008-09-16T04:33:00.000-04:00दिल्ली धमाकों से हर कोई अपने मतलब की चीज निकाल रहा...दिल्ली धमाकों से हर कोई अपने मतलब की चीज निकाल रहा है। आपने बहुत ही तटस्थापूर्वक इसकी विवेचना की है। इस ओर ध्यान दिलाने का शुक्रिया।adminhttps://www.blogger.com/profile/09054511264112719402noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-48043906967146068952008-09-15T16:15:00.000-04:002008-09-15T16:15:00.000-04:00लाशो पर ठक्के लगाने वाला तो शेतान ही हो सकता हे, क...लाशो पर ठक्के लगाने वाला तो शेतान ही हो सकता हे, कोई धर्मिक इंसान तो नही हो सकता, लेकिन जब अंत नजदीक हो तो शॆतान कुछ ज्यादा चहकता हे,<BR/>आप का लेख सटीक हे धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-45646297128919904272008-09-15T11:52:00.000-04:002008-09-15T11:52:00.000-04:00Very well said Abhishek bhai !Very well said Abhishek bhai !लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-52766312113077811382008-09-15T10:28:00.000-04:002008-09-15T10:28:00.000-04:00आपने बहुत शानदार चिंतन किया है ! असल में काल (समय)...आपने बहुत शानदार चिंतन किया है ! असल में काल (समय) तो वही रहता है ! उसके साथ भूत, भविष्य और वर्त्तमान जुड़ जाता है !<BR/>और पात्र बदल जाते हैं ! कृष्ण की चेतना किसी काल में बंधी हुई नही है ! कृष्ण सर्वदा मौजूद हैं ! भौतिक रूप से भी कृष्ण अकेले ऐसे अवतार हुए हैं जो पूर्णावतार कहलाये हैं ! बाक़ी के सारे अवतार अंशावतार में ही आए हैं ! हाँ अगर कोई अपने पूर्वाग्रह छोड़ दे तब इस जगत में कृष्ण के सिवाय कुछ भी नही है ! मैं नाम नही लूंगा<BR/>एक धर्म विशेष के लोग आज भी कृष्ण के बारे में भ्रांतियां फैलाते हैं ! मेरी समझ से आपकी बात का जबाव इतना ही है की कृष्ण आज क्या ? बल्कि किसी भी युग में , हर काम में सक्षम हैं और रहेंगे ! मेरा ऐसा मानना है की अगर सब कुछ स्वाहा हो जाए और सिर्फ़ गीता बची रहे<BR/>तो समझियेगा सब कुछ मौजूद है ! ऐसा ज्ञान कृष्ण इस जगत को दे गए है ! अगर किसी ने कृष्ण की गीता का एक शब्द भी समझा है ,<BR/>वो किसी और बात के पचडे में पडेगा ही नही ! आप बिल्कुल सही हैं ! आज आप मग्गाबाबा पर आए ! आपका स्वागत है !ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-5415889417915012362008-09-15T09:44:00.000-04:002008-09-15T09:44:00.000-04:00अभिषेक,आपकी इस प्रस्तुति से सोच का एक नया दायरा मि...अभिषेक,<BR/>आपकी इस प्रस्तुति से <BR/>सोच का एक नया दायरा मिला.<BR/>=======================<BR/>डॉ.चन्द्रकुमार जैनDr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-65476965016631303342008-09-15T08:31:00.000-04:002008-09-15T08:31:00.000-04:00जिन के पास संवेदना है उन्हें झकझोरने में आपकी पोस्...जिन के पास संवेदना है उन्हें झकझोरने में आपकी पोस्ट सक्षम है किंतु संवेदना शून्य इस <BR/>तथाकथित मानव प्रजाति को कैसे व कौन समझाए !!!!!!..........?योगेन्द्र मौदगिलhttps://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-43155807806740455882008-09-15T06:34:00.000-04:002008-09-15T06:34:00.000-04:00dono hi vishayo.n par lekh jordaar...evam tathyapa...dono hi vishayo.n par lekh jordaar...evam tathyaparak..!कंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-60767626077354951862008-09-15T03:24:00.000-04:002008-09-15T03:24:00.000-04:00किसी की त्रासदी अब किसी के लिए व्यापार है भाई........किसी की त्रासदी अब किसी के लिए व्यापार है भाई......ओर "ब्रेकिंग न्यूज़ "अब टी .आर .पी का लिहाफ ओढे बैठी है....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-83876273331635042782008-09-15T02:45:00.000-04:002008-09-15T02:45:00.000-04:00सौ प्रतिशत सहमत....यही जमाना खराब है पहले तो स्वर...सौ प्रतिशत सहमत....यही जमाना खराब है पहले तो स्वर्ण युग था, की मानसिकता खतरनाक हैbhuvnesh sharmahttps://www.blogger.com/profile/01870958874140680020noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-40616929544834723402008-09-15T01:31:00.000-04:002008-09-15T01:31:00.000-04:00मीडिया को: ब्रेकिंग न्यूज़।नेता को: एक और मुद्दा।क...मीडिया को: ब्रेकिंग न्यूज़।<BR/>नेता को: एक और मुद्दा।<BR/>कचरे को: सिक्यूरिटी गार्ड।<BR/>ब्लोग्गर को: एक और पोस्ट।<BR/>नौकरशाह को: लिखने को एक भाषण और एक जांच कमिटी की सदस्यता।<BR/>पुलिस को: बहुत दिनों के बाद काम।<BR/>मोबाइल कंपनी को: कॉल में वृद्धि।<BR/>जनता को: आदत।<BR/>घायलों को: मुआवजा।<BR/>अब to जैसे आम सी बात हो गई है, कुछ दिन चर्चा होती है, और सब भूल जाते हैं,आख़िर कब तक ऐसा होता रहेगा? कब ये सब ख़त्म होगा? ख़त्म होने की बात कौन करे, ये दिनों दिन बढ़ता ही जारहा है....बेहद अच्छी पोस्ट...अभिषेक जी.rakhshandahttps://www.blogger.com/profile/08686945812280176317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-28964851451979515732008-09-15T00:02:00.000-04:002008-09-15T00:02:00.000-04:00मृतकों को मिला नऽ... रोज-रोज के भय से मुक्ति और अन...मृतकों को मिला नऽ... रोज-रोज के भय से मुक्ति और अन्तिम विश्राम।<BR/><BR/>आपका लेख उत्कृष्ट श्रेणी का है। साधुवाद।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-13814427810075675032008-09-14T23:45:00.000-04:002008-09-14T23:45:00.000-04:00बहुत ही सुंदर ढ़ंग से विश्लेषित विचार। खास तौर...बहुत ही सुंदर ढ़ंग से विश्लेषित विचार। खास तौर पर कविता तो इतनी वजनी है कि लंबी-लंबी कविता में भी कहॉं मिलते हैं इतने अच्छे भाव।<BR/>फिर से पढ़ना चाहुँगा-<BR/>दिल्ली धमाको से आपको क्या मिला?<BR/><BR/>इनको तो मुंह माँगा मिला:<BR/>मीडिया को: ब्रेकिंग न्यूज़।<BR/>नेता को: एक और मुद्दा।<BR/>कचरे को: सिक्यूरिटी गार्ड।<BR/>ब्लोग्गर को: एक और पोस्ट।<BR/>नौकरशाह को: लिखने को एक भाषण और एक जांच कमिटी की सदस्यता।<BR/>पुलिस को: बहुत दिनों के बाद काम।<BR/>मोबाइल कंपनी को: कॉल में वृद्धि।<BR/>जनता को: आदत।<BR/>घायलों को: मुआवजा।जितेन्द़ भगतhttps://www.blogger.com/profile/05422231552073966726noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-77728681601860254692008-09-14T23:23:00.000-04:002008-09-14T23:23:00.000-04:00बहुत सही लिखा है आपने ..किसको क्या मिला ? बहुत कुछ...बहुत सही लिखा है आपने ..किसको क्या मिला ? बहुत कुछ कह गई यह पंक्तियाँरंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-15519520357221581872008-09-14T22:45:00.000-04:002008-09-14T22:45:00.000-04:00अभिषेक,संपूर्ण विश्व समष्टि में ईश्वर ही तो है, कृ...अभिषेक,<BR/>संपूर्ण विश्व समष्टि में ईश्वर ही तो है, कृष्ण भी और राम भी अंश ही तो थे। जो दुर्योधन को जीत लेगा,प्रेम का नया पाठ पढ़ाएगा वही अंश तो कृष्ण कहलाएगा, उस से कम नहीं। कंस और दुर्योधन के अत्याचार जब तक सीमा की अति नहीं कर गए तब तक वे जीवित रहे। घबराएँ नहीं कोई तो कृष्ण बनेगा। कृष्ण पैदा नहीं होते परिस्थितियाँ अंशों को एकत्र कर कृष्ण बनाती हैं। <BR/><BR/>इन धमाकों की उत्पत्ति किस मथुरा में है उसे तलाश करना होगा तभी कंस का वध संभव है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-43846545618718917812008-09-14T22:26:00.000-04:002008-09-14T22:26:00.000-04:00चिंतन परक !चिंतन परक !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-26299781115409783452008-09-14T21:15:00.000-04:002008-09-14T21:15:00.000-04:00शानदार आलेख लिखा हैशानदार आलेख लिखा हैVivek Guptahttps://www.blogger.com/profile/14118755009679786624noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-72164683876102536472008-09-14T20:51:00.000-04:002008-09-14T20:51:00.000-04:00कृष्ण की गीता का रेवेलेशन तो बकौल श्री अरविन्दो, अ...कृष्ण की गीता का रेवेलेशन तो बकौल श्री अरविन्दो, अभी पूर्णत होना शेष है।<BR/>उन्हें चुका हुआ नहीं माना जा सकता। :)Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-25367728162313764762008-09-14T20:36:00.000-04:002008-09-14T20:36:00.000-04:00बहुत बेहतरीन झकझोर देने वाला आलेख लिखा है तितर बित...बहुत बेहतरीन झकझोर देने वाला आलेख लिखा है तितर बितर में-दिल्ली धमाको से आपको क्या मिला? वाकई-सूक्ष्म विश्लेषण.<BR/><BR/>बधाई इस जागरुक पोस्ट के लिए.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com