tag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post1499368791191562810..comments2023-10-26T09:37:37.046-04:00Comments on ओझा उवाच: खिली-कम-ग़मगीन तबियतAbhishek Ojhahttp://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-39484831745085425542011-04-25T11:05:21.440-04:002011-04-25T11:05:21.440-04:00यह तो अच्छा हुआ था कि इसे झेलने से बच गया था ...अब...यह तो अच्छा हुआ था कि इसे झेलने से बच गया था ...अब नए इश्यू को देखता हूँ ! :)Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-25231632931820889662010-12-07T22:00:08.690-05:002010-12-07T22:00:08.690-05:00I know that I don't know... but I know that yo...I know that I don't know... but I know that you know what it means<br /><br /><strong>यह बढ़िया रही ...इसे ले जा रहा हूँ ! मेरे बहुत काम का है रोयल्टी दे दूंगा अगर मांगोगे तो ..</strong>Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-89413324208902602010-12-05T05:53:23.361-05:002010-12-05T05:53:23.361-05:00उस 'यू' ने भी यही पूछ लिया....और वो जो सुन...उस 'यू' ने भी यही पूछ लिया....और वो जो सुनना चाहती थी..आपने कहा नहीं..च्च..च्च..च्चrashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-83314849382562477582010-12-03T23:00:23.397-05:002010-12-03T23:00:23.397-05:00कई जुबानों में यह कहा जाता है, यहां मेरी छत्तीसगढ...कई जुबानों में यह कहा जाता है, यहां मेरी छत्तीसगढ़ी में- 'तोर नांव तैं, मोर नांव मैं, तैं जोजवा कि मैं'.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-863682317589917792010-12-02T04:37:06.930-05:002010-12-02T04:37:06.930-05:00>> दूर से देखना भी कितना सुहावना होता है न. ...>> दूर से देखना भी कितना सुहावना होता है न. वास्तविकता से कितना दूर.............<br />--- एलियट की 'निर्वैयक्तिकता' की बात गौर करने लायक है , भाई !Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-55011147163266260262010-12-01T07:44:11.460-05:002010-12-01T07:44:11.460-05:00Now what will you doooooooooooo? jis ke liye ye u ...Now what will you doooooooooooo? jis ke liye ye u tha useene pooch liay ki ye yoo kaun hai ? Waise ab ganit wali poston men bhee aapki rumnaiyat kayam hai yah jankar achcha laga. Kuch chal raha hai. wise sidhant aur wyawhar wali bat aapki bilkul sahee hai. Mere sath aksar aisa hotatha ki theory sab pata par dissection karate time jo flag karna hota tha wahee cut jata tha. Kair puranee bate hain.Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-67912413964735507272010-11-29T00:19:31.388-05:002010-11-29T00:19:31.388-05:00और जिसके पार चलते चलते दिमाग घिस गया हो वे करें यह...और जिसके पार चलते चलते दिमाग घिस गया हो वे करें यहाँ ...अभिषेक ?? <br />:-(Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-4175196323732466992010-11-29T00:18:31.948-05:002010-11-29T00:18:31.948-05:00यार आप गणितीय भाषा में खुद को कैसे इतनी अच्छी तरह ...यार आप गणितीय भाषा में खुद को कैसे इतनी अच्छी तरह प्रस्तुत कर लेते हैं........!!!!!! वैसे आपने सही फ़रमाया की सिद्धांत और व्यवहार में बहुत फर्क होता है.Pawan Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-82559149528837767742010-11-28T03:13:21.925-05:002010-11-28T03:13:21.925-05:00जब तक आदमी रोमान्टिक नहीं होता उसे तोप ही लगता है...जब तक आदमी रोमान्टिक नहीं होता उसे तोप ही लगता है रोमान्टक होना सही फर्माया बकवास के लिये प्यार की जरुरत ही कहा है, मजा देखिये कुछ लोग प्यार को ही बकवास कहते है। दूर के ढोल सुहाने लगते ही है। आपकी महरबानी से गाना ये हाल मस्कीं भी सुना ।धन्यवादBrijmohanShrivastavahttps://www.blogger.com/profile/04869873931974295648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-45508385037568702042010-11-27T23:35:14.884-05:002010-11-27T23:35:14.884-05:00पहली बार शायद ब्लाग देखा मगर अब बुढापे मे इतनी गणि...पहली बार शायद ब्लाग देखा मगर अब बुढापे मे इतनी गणित तो अपने बस की नही है--- एक बात बहुत अच्छी लगी----<br />सैद्धांतिक ज्ञान और व्यवहारिक में बहुत फर्क है.<br />बस इसी सूत्र को ले जारहे हैं। आशीर्वाद।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-34876133724944820942010-11-26T04:16:07.211-05:002010-11-26T04:16:07.211-05:00पाहिले सुन आईये गाना कहा...तो चले गए सुनने और जो स...पाहिले सुन आईये गाना कहा...तो चले गए सुनने और जो सुन लिया तो अब किसी काम के नहीं रहे ....<br /><br />ई गनवा ऊ टाइम का है जब हम टीन एज में पैर धर के नए रोमांचक जहान को देखना शुरू किये थे,कुछ कुछ बुझाता था औ बहुत कुछ नहीं बुझाता था...और जो नहीं बुझाता था उसके लिए अपार उत्सुकता बना रहता था..<br /><br />वैसे ई जो कहे न - <br /><br />"मैं बस यही कह पाया कि जैसे समुद्र में सर्फिंग करने वाले को उसके पीछे का विज्ञान नहीं पता होता और जैसे कैरम खेलने के लिए उसके गणितीय मॉडल नहीं समझने होते. वैसे ही ‘बकवास’ करने के लिए प्यार में नहीं पड़ना होता. "<br /><br />हम ईसे हंड्रेड परसेंट एगरी करते हैं....<br /><br />अब जब सब शुभकामना दइए रहे हैं तो रख लेने में क्या हरज है...कभी न कभी तो काम आइये न जायेगा,हर्जा थोड़े न करेगा..रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-56059116991403254832010-11-25T21:36:13.547-05:002010-11-25T21:36:13.547-05:00क़ोट ऑफ द मंथ:
जैसे समुद्र में सर्फिंग करने वाले ...क़ोट ऑफ द मंथ: <br />जैसे समुद्र में सर्फिंग करने वाले को उसके पीछे का विज्ञान नहीं पता होता और जैसे कैरम खेलने के लिए उसके गणितीय मॉडल नहीं समझने होते. वैसे ही ‘बकवास’ करने के लिए प्यार में नहीं पड़ना होता.<br /><br />@आखिरी पर मेरे दोस्त ने सलाह दी कि व्याख्या हटा दूं और जिस लड़की को समझ में आ जाए... <br />मेल सुविनिस्ट कहीं का! ;)<br /><br />@बिडम्बना ये है कि जो ‘यू’ है उसने भी यही सवाल पूछ लिया कि “अभिषेक ये ‘यू’ है कौन?”<br />फॉलोवर वाला विजेट लगाइए। जरा देखा जाय कि 'यू' फॉलोवर है कि नहीं? मुझे बनना भी है। <br />अपन को सब समझ में आ गया और आनन्द प्राप्त भए। <br /><br />@ एक आपको छोड़ दें तो कमेन्ट करने वाले कितना सीरियस होते हैं ये तो आप भी जानते हैं. <br /><br />यह मेरे लिए कहा न?<br />--------------------------<br /><br />ब्रिलिएंट पोस्ट ;)गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-29519697315425438562010-11-25T19:59:45.725-05:002010-11-25T19:59:45.725-05:00बॉस, सच में गज़ब हो।
स्साला कमेंट करते हुये डर लगा...बॉस, सच में गज़ब हो।<br />स्साला कमेंट करते हुये डर लगा रहता है कि इतनी ब्रिलियंट पोस्ट पर कुछ लिखने से अपना आई,कयू रिलेटिड दिवलियापन जाहिर हो जायेगा।<br />टू मच हो जी:)संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-84496524243559892452010-11-25T08:45:15.606-05:002010-11-25T08:45:15.606-05:00साली बड़ी साइंस दाना पोस्ट है!!! .एक ज़माना वो आएगा...साली बड़ी साइंस दाना पोस्ट है!!! .एक ज़माना वो आएगा के लोग पतंग ओर कंचे भी कंप्यूटर भी खेलेगे .....वैसे मिसिंग समवन ऐसे मेसर करोगे तो .....रिज़ल्ल्ट ज्यादा ही आएगा .....खैर कुल मिला के एक दम धक् चिक पोस्ट है ......झकास ....<br /><br /><br />.एक कुंवारे .हेंडसम ....इंटेलिजेंट आई आई टीयन की पोस्टडॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-76583456012315477242010-11-25T07:46:07.595-05:002010-11-25T07:46:07.595-05:00भाई अब मेरा खोपडा भी यू.... यू....करण लाग रया सै. ...भाई अब मेरा खोपडा भी यू.... यू....करण लाग रया सै. लठ्ठ मार मार कर खोपडे में बिठा रहा हूं जब आजायेगी तब बताऊंगा.:) प्रणाम.<br /><br />रामरामताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-65030633903249518022010-11-25T07:15:07.726-05:002010-11-25T07:15:07.726-05:00ओह भेजी.. एक ही बार में डोज़ ज्यादा हो गया.. इतना ...ओह भेजी.. एक ही बार में डोज़ ज्यादा हो गया.. इतना कुछ लिख दिया कि समझने में उलट-फेर हो रहा है..<br />तनिक धीरे लिखते तो हमारे लिया आराम रहता..<br />वैसे जितनी समझ में आई, उतनी तो सब सटिक ही हैं.. :)<br /><br />लिखते रहो :)Pratik Maheshwarihttps://www.blogger.com/profile/04115463364309124608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-34964176713712776562010-11-25T04:59:23.356-05:002010-11-25T04:59:23.356-05:00इतना गहरा ज्ञान ठेल दिये कि समझने में खोपड़ा हिला ...इतना गहरा ज्ञान ठेल दिये कि समझने में खोपड़ा हिला जा रहा है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-11859337535528464582010-11-25T04:12:03.039-05:002010-11-25T04:12:03.039-05:00neeraj ki ek tippani 3 baar......ab to samajh aa h...neeraj ki ek tippani 3 baar......ab to samajh aa hi gai hogi....योगेन्द्र मौदगिलhttps://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-10942450042087971392010-11-25T02:05:49.706-05:002010-11-25T02:05:49.706-05:00बाद में इंग्लिश लिख दी। बस, अपन यही पर गच्चा खा जा...बाद में इंग्लिश लिख दी। बस, अपन यही पर गच्चा खा जाते हैं। दूसरे इंग्लिश गलत बोल देते हैं तो अपन तुरन्त टोक देते हैं कि यहां will की जगह shall आयेगा। लेकिन जब यही प्रयोग खुद पर करते हैं तो- फुर्र।नीरज मुसाफ़िरhttps://www.blogger.com/profile/10478684386833631758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-49832112991990691432010-11-25T02:02:04.220-05:002010-11-25T02:02:04.220-05:00आपकी, गणित व विज्ञान वाली बातों भरी पोस्टें स्लो-म...आपकी, गणित व विज्ञान वाली बातों भरी पोस्टें स्लो-मोशन में पढ़नी पड़ती हैं वर्ना मेरे ठस्स दिमाग़ कुछ घुस ही नहीं पाता :)Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-69948021771160635382010-11-25T01:24:23.508-05:002010-11-25T01:24:23.508-05:00बाद में इंग्लिश लिख दी। बस, अपन यही पर गच्चा खा जा...बाद में इंग्लिश लिख दी। बस, अपन यही पर गच्चा खा जाते हैं। दूसरे इंग्लिश गलत बोल देते हैं तो अपन तुरन्त टोक देते हैं कि यहां will की जगह shall आयेगा। लेकिन जब यही प्रयोग खुद पर करते हैं तो- फुर्र।नीरज मुसाफ़िरhttps://www.blogger.com/profile/10478684386833631758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8813075190326884926.post-24871052983697708982010-11-25T01:24:21.764-05:002010-11-25T01:24:21.764-05:00बाद में इंग्लिश लिख दी। बस, अपन यही पर गच्चा खा जा...बाद में इंग्लिश लिख दी। बस, अपन यही पर गच्चा खा जाते हैं। दूसरे इंग्लिश गलत बोल देते हैं तो अपन तुरन्त टोक देते हैं कि यहां will की जगह shall आयेगा। लेकिन जब यही प्रयोग खुद पर करते हैं तो- फुर्र।नीरज मुसाफ़िरhttps://www.blogger.com/profile/10478684386833631758noreply@blogger.com