Sep 13, 2010

आखिरी मुलाकात

ज़्यूरिक लेक… गर्मियों की शाम… दूर दिखता आल्पस और पानी में तैरते सफ़ेद बत्तख. एक के हाथ में चॉकलेट और दूसरे के हाथ में बत्तखों को खिलाने का चारा. आते ही ये सामान आपस में एक्सचेंज हो जाता. लैब से दोनों साइकिलें उठा सीधा यहीं आते. जगह ही ऐसी है और फिर जहाँ उसके दिमाग का तापमान पूरे दिन पर्शियल डिफ़्रेंशियल इक्वेशनस में घुसे रहने से बढ़ जाता तो ऋचा कहती कि गले में मेढक फंस गया हो जैसी बोली सुन के मेरे तो कान पक जाते हैं. वैसे यहाँ भी घुमा फिरा के उनकी बातें उन इक्वेशनस में ही अटक जाती...

कई दिनों से ऋचा के शादी की बात चल रही है… इस मुद्दे पर भी आजकल दोनों खूब बाते करते. एक दूसरे को भरपूर चिढाते… zurich lake

‘सुन कल मैं इंडिया जा रही हूँ, टिकट नहीं कराया ना अभी तक तुने?’

‘जैसे मैं नहीं आऊंगा तो शादी ही नहीं करोगी !’

‘सच में नहीं करुँगी, तुझे क्या लगता है… अच्छा तू बता मैं ना आऊं तेरी शादी में तो?’

‘तू कैसे नहीं आएगी, बिना तेरे अप्रूव किये मेरी शादी होगी कैसे?’

‘तुने तो अप्रूव किया नहीं… तो मैं भी ना कर रही… अच्छा अपना पुराना आईडिया कैसा रहेगा? ये अटेंड करने का लफड़ा ही खतम कर देते हैं चल हम दोनों एक-दूसरे से ही शादी कर लेते हैं'

……

… इसके बाद दोनों चुप हो गए. ऐसा नहीं था कि ये बात पहली बार कह दी हो किसी ने… अक्सर ये बात दिन में चार दफा तो आ ही जाती. कोई भी कह देता. …‘कब कर रहे हो शादी?’. और दोनों हंस देते ‘हद है ! किसी को भरोसा ही नहीं होता हम दोस्त हैं !’.  पर चुप्पी पहली बार छाई थी दोनों के बीच में… किसी ने कुछ नहीं कहा… कुछ भी नहीं. थोड़ी देर बाद ऋचा ने कुछ कहा था शायद. उसे ठीक-ठीक याद नहीं. फिर दोनों साइकिलें उठा चले गए.

…नहीं गया वो और शायद ऋचा की शादी भी हो गयी हो… अब भी वो बैठता है लेक के किनारे, रोज शाम हाथ में एक किताब लिए हुए. अक्सर बोर होते हुए मोबाइल में ऋचा पर अंगूठा थम जाता है. कई बार हरे बटन पर जाकर रुक गया… उसे भी पता है कि ये नंबर अब तक नहीं चलता होगा. उसकी मानें तो आज तक उसे नहीं पता ऋचा की शादी हुई या नहीं. दोनों बेस्ट-फ्रेंड थे (हैं?).

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~Abhishek Ojha~

(ऐंवे ही ठेल दी आज ये पढते-पढते पक गया तो बीच में. बड़े पैराडॉक्स हैं जिंदगी में. वही दीखता है पर वही नहीं होता.  एक उदहारण… मेरा फेसबुक स्टेटस: Abhishek Ojha is reading so much these days that he is not getting time to read what he wants to read.)

तस्वीर: ज़्यूरिक लेक, 04-जुलाई-2005.

Sep 8, 2010

कोई लड़की बोर ही नहीं होती !

ज्यादा भूमिका नहीं. छुट्टी का दिन… शरारत सूझी और मैंने चैट स्टेटस लगा दिया "कोई बोर हो रहा है क्या?" और फिर जो संदेशों का सिलसिला चालू हुआ वो कुछ ऐसा था:
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वैभव: ये बताओ जो बोर हो रहा हो उसका मनोरंजन करोगे?
अभिषेक: हाँ 
वैभव: मतलब एकदम निठल्ले हो क्या?
अभिषेक: हाँ
वैभव: आजकल वालस्ट्रीट में कोई काम नहीं हो रहा क्या?
अभिषेक: अबे जाओ, मैंने छुट्टी के दिन स्टेटस लगाया था कि कोई लड़की बोर
हो रही होगी. पहले तू भाग यहाँ से.
वैभव: फिर स्टेटस तो सही करो.
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नया स्टेटस: "कोई लड़की बोर हो रहा है क्या?" [जल्दी में रहा को रही करना भूल गया]
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मनु: हो रही यार रहा नहीं [इतने में डिस्कनेक्ट हो गया]
मनु:  फरार हो गए! दाल में काला है ;)
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नया स्टेटस: "कोई लड़की बोर हो रही है क्या?"
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अमित: एनवायसी में कमी है क्या बोर लड़कियों की? :)  तुम्हारे होते हुए
भी बोर नहीं हो रहीं ?
अभिषेक: एनवायसी में नहीं इन्टरनेट पर चाहिए :)
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रचना: मैं आज तुम्हे मैसेज करने ही वाली थी, लेकिन अब तुम उन्ही से बात
करो जो बोर हो रहीं है. मैं चली.
अभिषेक: अरे रुको, सुनो तो.
रचना: बाय, बेस्ट ऑफ लक... एन्जॉय टाकिंग टू योर बोरड गर्ल.
अभिषेक: यु देयर?
………
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संजय: ये धंधा कब चालु किया ? ;)
अभिषेक: रिसेसन है तो साइड बिजनेस करना पड़ता है :) [ये रिसेसन वाली सलाह भी किसी के मैसेज से ही मिली थी]
संजय: वैसे धांसू आईडिया है. लगे रहो. आई होप यू गेट सम रिटर्न.
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प्रियंका: (मेरी एमबीए क्लास की एक स्टूडेंट): सर, आप तो ऐसे ना थे, आपको
अमेरिका जाते ही क्या हो गया?
अभिषेक: अरे तुम छोडो, अब तुम्हे क्या बताऊँ एक शिक्षक की कुछ मर्यादा होती है :)
प्रियंका: अरे सर, आप तो छुपे रुस्तम निकले. पहले पता होता तो हम आपको
बताते... अब शिक्षक की मर्यादा होती है छात्राओं कि तो नहीं  होती न ? :)
अभिषेक: हे हे.
प्रियंका: बेस्ट ऑफ लक सर.
अभिषेक: थैंक्स :)
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सौरभ: हाँ बे हो रही है बोर, मेरी गर्लफ्रेंड. क्या करेगा बता?
अभिषेक: उसीको बताऊंगा, बात करा उससे. आज लड़कों से बात नहीं करनी.
सौरभ: हाँ बेटा, कर ले बात. वो तो २४ घंटे बोर ही रहती है. मैं उसकी
बोरियत से चट गया हूँ और तुझे बोर हो रही लड़की चाहिए. संभल जा बेटा. सही
में मिल गयी न तो स्टेटस चेंज करने लायक भी नहीं बचोगे :)
तू बात करा, फिर देख.
.......
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राजू: भाई दो बोर हो रही हों तो कृपया एक इधर भेजें.
अभिषेक: जी बिल्कुल. पर लगता है ये लडकियां बोर ही नहीं होती. फ्री का
मनोरंजन उपलब्ध है तब भी नहीं !
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चिंटू: लड़का हो रहा है, चलेगा?
अभिषेक: किसे लड़का हो रहा है? :)
चिंटू: अरे भाग. मैं कह रहा हूँ कि लड़का बोर हो रहा है चलेगा क्या?
अभिषेक: नहीं, तुम क्राइटेरिया सैटिस्फाई नहीं करते. सॉरी.
चिंटू: एक दिन की छुट्टी में ऐसे ऐसे आईडिया आते हैं तुझे... इससे अच्छा
तो स्लीपिंग पिल लेकर सो जाया कर.
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अविराज: ये स्टेटस तो बहुत सही है सर, एलओएल :D
अभिषेक: कॉपी मत करना, कॉपीराईट प्रोटेक्टेड है. केस कर दूँगा :)
अविराज: सर, किसका कॉपीराईट है बोरड लड़की का या स्टेटस का :)
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पीयूष: ये सही है भैया, लड़की बोर हो तो हम आपको बताएं... वाह जी.
अभिषेक: ऐसा करो तो बहुत अच्छा, नहीं तो जो खुद बताएगी उसका मनोरंजन करने
का सौभाग्य तो मिलेगा ही :)
पीयूष: :)
अभिषेक: कोई बोर हो रही हो तो रेफर करना मत भूलना. :)
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हेम: अबे क्लास में बैठा हूँ और पूरी क्लास ही बोर हो रही हैं, लडकियां
भी है २० के आस पास. बोल क्या करना है.
अभिषेक: अबे यार ये तो बड़ी प्रॉब्लम है. मैं तो एक का टाइम पास बन
सकता हूँ. २० का मुश्किल है. :)
हेम: किसी काम के नहीं हो तुम. मुझे लगा कुछ आईडिया होगा तेरे पास.
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ऋचा: अभिषेक? ये तुम्ही हो? क्या हो गया है तुम्हे?
अभिषेक: अरे इसमें होना जाना क्या है? कोई बोर हो रही हो तो उसका मनोरंजन
कर दूँगा थोडा. तुम्हे तो पता है मेरी हेल्प करने की आदत है :)
ऋचा: अच्छा जैसे मैं ही सबसे बड़ी बेवकूफ हूँ दुनिया में.  चेंज कर लो
स्टेटस नहीं तो जो एक दो से बात होती है न वो भी बंद हो जायेगी :)
अभिषेक: अरे ऐसा न बोलो. ऐसा क्या है इसमें ?
ऋचा: अब ये तो तब समझाना जब बात होनी बंद हो जायेगी :)
देखो डराओ मत. समझा तो लूँगा ही मैं. लेकिन ये बताओ इसमें प्रॉब्लम क्या है?
कुछ नहीं. टीटवायएल, बाय.
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सुमित: समझ नहीं आया?
अभिषेक: क्या?
सुमित: लड़की, बोर नहीं होगी क्या इन बातों से.
अभिषेक: इसमें समझना क्या है? कोई बोर हो रही होगी तो मेसेज करेगी. मैं
थोडा मनोरंजन कर दूँगा :)
सुमित: अमेरिका जाके बहके से लगते हैं जनाब ;), खाली लड़कियों का लड़कों का नहीं?
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chat statusअब तक इतना तो पता चल ही गया था कि लडको का मनोरंजन तो इस स्टेटस से ही हो गया :)  कोई बोर होती तो  नहीं मिली पर स्टेटस सुपरहिट हो गया. एकदम मुन्नीबाई के माफिक. और दूसरी बात ये कि आज कल लगता है लडकियां बोर नहीं होती. क्योंकि इस दौरान २० से अधिक बोर होते हुए लड़कों का मेसेज आया और कुल ४ लड़कियों का. एक और बात कोई लड़की किसी दूसरी बोर हो रही लड़की का मनोरंजन होता नहीं देख सकती क्या? वैसे छोटे से प्रयोग से निष्कर्ष नहीं निकल सकता. खैर… कोई बोर हो रही हो तो किसका पता देना है ये तो आप जानते ही हैं.

~Abhishek Ojha~

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इस ऊपर के चैट लॉग में कई ब्लॉगजगत के मित्र भी हैं. वो तो अपनी बात समझ ही जायेंगे. बाकी मैंने असली नाम और लिंक नहीं दिया है. कहीं किसी को बुरा लगा तो बेचारे मेरी पोस्ट के चक्कर में वो भी बदनाम हो जायेंगे. वैसे बदनामी का मार्केट तो मुन्नी ने सही कर रखा है पर बुरा मानने वाली बात का क्या? कौन कब किस बात का बुरा मान जाय !