Mar 22, 2009

वो भी वही है !

एक किस्सा: जीवन की कुछ छोटी-छोटी बातें दिमाग में हमेशा के लिए बैठ जाती है. फिर हम ऐसी बातों, घटनाओं और किस्सों को जीवन में होने वाली कई अन्य घटनाओं से जोड़ कर देखते हैं. ऐसी ही मेरे बचपन की एक छोटी सी बात अक्सर बहुत सारे परिपेक्ष्यों में बड़ी सटीक बैठती है. बात थोडी घरेलू है. हमारे पड़ोस की आंटी के पास दो कड़ाही हुआ करती थी दोनों बिल्कुल काली... बाहर-भीतर कोयले सदृश्य. कौन ज्यादा काली है ये पता लगाना बड़ा मुश्किल काम था. एक दिन उन्होंने बहुत मेहनत से सफाई की तो एक कड़ाही में कहीं-कहीं थोड़े से सफ़ेद धब्बे दिखने लगे. कोई उनके घर आया था और बोल पड़ा:

'इससे अच्छी  तो वो लोहे वाली कड़ाही ही है'. उनका मतलब ये था की वो तो काली होती ही है, लेकिन ये एल्यूमिनियम वाली (जो थोडी साफ़ हो गयी थी) तो बिल्कुल ही बेकार है, देखिये तो भला कितनी गन्दी हो गयी है !
आंटी ने जवाब दिया: 'वो भी वही है !'
मतलब जो आपको लोहे की लग रही है वो भी असल में लोहे की नहीं है... और वो भी गन्दी होकर ही काली हुई है.

ये किस्सा जंग लग चुके समाज में मुझे हर जगह दिखाई देता है...  बाहर से देखकर हम अक्सर भ्रम में पड़ जाते हैं पर सच्चाई कुछ और ही होती है !

एयरटेल और मैं: ये किस्सा मैंने आज आपको इसलिए सुनाया क्योंकि इतने दिनों जो मैं गायब रहा. मेरे ब्लॉग पे सूखा रहा और आपके ब्लॉग पर भी नहीं आया. होली पर भी आपके ईमेल का जवाब नहीं दे पाया तो इन सब का जिम्मेवार सीधे रूप से एयरटेल और उसकी सड़ी हुई सर्विस है. इन दिनों मैंने सबसे ज्यादा कुछ किया तो एयरटेल के कस्टमर सर्विस  पर फोन.
अचानक एक दिन ब्रॉडबैंड चलना बंद फिर... रोज लगभग २० मिनट ४४४४१२१ पर फ़ोन. सुना है वो फ़ोन रिकॉर्ड करते हैं ट्रेनिंग परपज के लिए. व्हाट? क्या ट्रेनिंग देते हैं?... कोई कुछ भी बोले, कुछ भी पूछे बिना सुने अंत में या तो कॉल फॉरवर्ड कर देनी है... और कुछ इरिटेटिंग सा सन्देश बार-बार सुनाते रहो और इतनी देर तक होल्ड पे रखना है कि सामने वाला खुद ही फोन पटक दे. या फिर ये बता दो की आपकी रिक्वेस्ट फॉरवर्ड कर दी गयी है और २४ घंटे में आपका काम हो जायेगा ! ये २४ घंटे, अगले दिन १२ होने की वजाय ४८ हो जाते हैं. और इसी तरह एक सप्ताह तक चलने के बाद आपको १० दिन बाद की डेडलाइन दे दी जाती है !  रोज़ फोन करो तो  सामने एक नयी आवाज उसको  शुरुआत से पूरी राम कहानी सुनाओ और फिर अंत में समस्या वहीं की वहीं. हाँ रोज़ समस्या का कारण और ठीक होने की डेडलाइन जरूर बढती गयी. एक ने कह दिया की हमारे फलां ऑफिस में आइये... वहां गया तो बताया दुसरे ऑफिस में जाइए वहां गया तो बोला की फिर से पिछले वाले ऑफिस में जाइए... ये है एयरटेल. WTF? खैर हम पोजिटिव थिंकिंग वाले ठहरे एक फायदा तो दिखा... वो सब गालियाँ दी जो जीवन में कभी नहीं दी थी. फ़ोन पे भी और उनके ऑफिस में भी... भले इससे फायदा हुआ हो या घाटा !

वर्गमूल (०३/०३/०९) दिवस से पाई दिवस (०३/१४) सब निकल गए और कनेक्शन कि बत्ती बीच में एक दिन २ घंटे के लिए जली फिर १० दिन के लिए गायब. बाद में पता चला वो २ घंटे टेस्ट करने के लिए दिए गए थे... पिछले ६ महीनो से कनेक्शन चल रहा था और ये २ घंटे में वो अपनी.... खैर छोडिये.

बाकी जो भी हो इनके कस्टमर केयर वाले बड़े सहनशील लोग है इन्हें हमारी भाषा में 'थेथर' कहा जाता है अर्थात बेशर्म. ये खुद फैसला करते हैं की इनकी सर्विस कितनी अच्छी है. आपके मत पर बिलकुल ध्यान नहीं देते. मैंने इन्हें हड़काते हुए बड़ी कड़वी मेल लिखी. पर इन्हें काहे की शरम... आप भी देखिये इनकी रिप्लाई. बड़े भले लोग हैं. जिस दिन साले डूबेंगे मैं मिठाई बाटूंगा.

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खैर मेरे लिए तो अब ये निर्विवाद है की एयरटेल की सर्विस संसार की सबसे घटिया सर्विस है. पर बाकियों का भी यही हाल है... बीएसएनएल को तो कहते ही हैं 'भाई साहब नहीं लगेगा'. लेकिन मुझे लगता है की वो इनसे बेहतर ही होगा. पर एयरटेल, आईडिया और वोडाफोन का अपना अनुभव है और इस मामले में ऊपर वाला किस्सा बिलकुल सही बैठता है... 'वो भी वही है !'
कौन कितना काला है ये पता लगाना इतना आसन नहीं है !

इन कंपनियों की सफलता किसी की कार्यकुशलता नहीं है. मुझे तो पूरा विश्वास हो चला है कि किसी भी भारतीय (या भारत में सक्रिय विदेशी) कंपनी में पूर्ण ईमानदारी और कर्मठता से काम नहीं होता है. लगभग सभी सत्यम की तरह ही हैं. पर जब तक चोरी पकडी नहीं जाती तब तक तो राजू भी महान ही थे! इन कंपनियों की सफलता अगर कुछ है तो वो है हम सबसे मिलकर बना एक विशालकाय भूखा चिरकुट उपभोक्ता बाजार !  जिसकी मानसिकता ही ऐसी है 'ऐसा ही होता है'. हममें से ही कुछ उस कस्टमर केयर पर बैठते हैं और कुछ उनको ट्रेनिंग देते हैं. और हमें कुछ भी हो फर्क कहाँ पड़ता है. मैं आज लिख रहा हूँ क्योंकि मुझे इतनी दिक्कत हुई अब आगे शांत बैठा रहूँगा जब तक सही सलामत चलता रहेगा !

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चलते-चलते: ये पोस्ट अभी जारी रहेगी ऊपर वाले किस्से की तरह कुछ और बातें दिमाग में चली हैं वो अगली पोस्ट में. इस बीच एक अच्छा व्यक्तिगत काम ये हुआ कि हमने सारी परीक्षाएं पास करके 'प्रोफेशनल रिस्क मेनेजर' की योग्यता हासिल की. इससे सम्बंधित एक छोटी प्रोफाइल यहाँ है. शुरू के कुछ दिनों तक व्यस्तता का एक कारण ये भी था. पर धन्य हो एयरटेल जिसने सबको गौण कर दिया.

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~Abhishek Ojha~

20 comments:

  1. आपकी वापसी
    और ये पोस्ट
    वही एक अच्छी बात हुई है
    अभिषेक भाई

    और हाँ बधाई हो जी
    For passing your Exam -
    अब दुनियाभर मँ,
    Economically,
    रिस्क का टाइम चल रहा है -
    स्नेह,
    - लावण्या

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  2. आप ने दुखती रग पर हाथ रख दिया।

    आप ठीक कह रहे हैं, भारत में किसी कंपनी में ईमानदारी व कर्मठता से काम नहीं होता। बीएसएनएल जबततक सरकारी विभाग था, कुछ ठीक था। सरकारी क्षेत्र की कंपनी बनने के बाद उसकी सेवा में गिरावट ही आयी। सरकारी विभाग में तो आप शिकायत भी कर सकते हैं, कंपनियों की शिकायत कोई सुननेवाला नहीं।

    परीक्षाएं पास करने की बधाई।

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  3. आपको 'प्रोफेशनल रिस्क मेनेजर'बनने पर हार्दिक शुभकामनाएं. ईश्वर करे आप जिंदगी मे ऊंचे से ऊंचे मुकाम हासिल करें.

    ऐयर्टेल के साथ हमारा भी ऐसा ही लफ़डा चल रहा है जिस पर मैने एक पोस्ट पहले भी लिखी थी. आज भी झगडा खडा है. वो मुझे ३००० रु. के बदले सिर्फ़ एक दिन का किराया ८० रु. देना चाहते हैं.

    जब मैने कहा कि ये तुम्हारे सेठ सूनिळ मित्तल को देदो वो शेयर बाजार मे आई मंदी से ज्यादा गरीब हो गया है.. तब फ़िर फ़ोन आता है कि आप तीन हजार का बिल लाकर दो.

    बहुत ही वाहियात लोग हैं.

    आप तो लिखते रहिये मैं तो इनका पीछा नही छोडूंगा.

    रामराम.

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  4. 'प्रोफेशनल रिस्क मेनेजर' बनने पर हार्दिक बधाईया.
    ऊँची दुकान फीके पकवान वाली कहावत एयर टेल के लिए सटीक बैठती है . बाकि का हाल भी ऐसा ही है .

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  5. वर्गमूल (०३/०३/०९) दिवस से पाई दिवस (०३/१४) सब निकल गए

    :) :) achchhi ukti hai bhai...! ummeed hai ab fir se main streme me aa jayenge

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  6. वर्गमूल (०३/०३/०९) दिवस से पाई दिवस (०३/१४) सब निकल गए

    mast!!

    'प्रोफेशनल रिस्क मेनेजर' की योग्यता हासिल की

    congrats!!

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  7. 'प्रोफेशनल रिस्क मेनेजर'बनने पर हार्दिक शुभकामनाएं

    regards

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  8. एकदम सही बात लिखी है आपने । हम भी इस चक्कर मे पड़ चुके है ।
    उम्मीद है अब आप नियमित रूप से लिखना शुरू कर देंगे ।

    exam पास करने और 'प्रोफेशनल रिस्क मेनेजर'बनने पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई ।

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  9. भाई 'प्रोफेशनल रिस्क मेनेजर' बनने पर हार्दिक बधाईया.
    लेकिन हमारे यहां सही काम किस जगह होता है ? जिस दिन हम सही काम करना शुरु कर देगे, उस दिन भारत की सच्ची आजादी का पहला दिन होगा, उस दिन हम गर्व से कह पयेगे
    कि हम भी सभ्य है.अभी तो पकी पकाई मिलती है ,या दुसरे से छीन कर खाते है, या फ़िर एक दुसरे को मुर्ख बना कर..... यानि हमारी गाडी चल रही है किसी भी तरह से
    धन्यवाद

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  10. 'प्रोफेशनल रिस्क मेनेजर' को मेरा नमस्ते।

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  11. मेरा ब्रॉडबैंड BSNL का है और सिम कार्ड AIRTEL का, ठीक ही चलता है मिला-जुला के
    बाकी लोग काफी आक्रोशित हैं, पर मेरा अभी तक तो ठीक चल रहा है, आगे का राम मालिक है.

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  12. प्राइवेटाइजेशन भारत में उतना सक्सेक्स नहीं नजर आता। यहां प्रॉडक्ट तो प्राइवेट क्षेत्र ठीक ठीक बना ले रहा है, पर जहां सर्विसेज की बात आ रही है वहां असफलतायें ज्यादा हैं। मेरे डिश टीवी का कबाड़ मुंह चिढ़ाता है। एयरटेल मेरी पत्नीजी के फोन में जबरी रिंगटोन की सेवा ठेल कर पैसा ऐंठ रहा है। इन्श्योरेंस कम्पनियों के बन्दे पॉलिसी ठेलने के बाद नजर नहीं आते।
    ढेरों उदाहरण हैं। सेवायें प्यूट्रिड हैं!

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  13. इम्तहान पास करके प्रोफ़ेशनल खतरा मनीजर बनने का बधाई। हम तो BSNL वाले हैं। जब खराब होता है एक दिन में चकाचक हो जाता है।

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  14. बहुत दिनों बाद आपका लिखा पढ़ा .. 'प्रोफेशनल रिस्क मेनेजर'बनने पर हार्दिक बधाई जी यूँ ही जीवन के हर पथ पर आप तरक्की करें ..

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  15. बड़ी कठिन सी परीक्षा पास करने के लिए बधाई. मिठाई तो खैर, कभी न कभी खा ही लेंगे.
    अब जरा इम्तिहान भी दे ही दीजिए. ये बताइए कि ब्लॉगिंग में और खासकर हिन्दी ब्लॉगिंग में कौन कौन किस्म के किस किस तरह के कैसे कैसे रिस्क हैं? ध्यान रखिएगा, कोई रिस्क छूटने न पाए. और जरा जल्दी बताइएगा ताकि यह निर्णय लिया जा सके कि ब्लॉगिंग जारी रखा जाने के लिए रिस्क लिया जा सकता है या नहीं... :)

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  16. राहत मिली आपको देख कर ...डिग्री की बधाई. मेरे अनुभव भी आपसे कुछ अलग नही है...पर इस रिस्क को मैं नहीं मैनेज कर सकती क्या है की डिग्री नहीं ली है न :-)

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  17. वो क्या कहते है .....भाई की जिसे देखिये अपने आप में गुम है तो इन कस्टमर केयर वालो का तो ये हाल है ..बाकी तुम्हारी फोटो झकास है.कोट में "साला मै तो साहब बन गया "लग रहे हो.....
    बधाई !

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  18. भाई, अपना तो बीएसएनएल का अनुभव अच्छा है। उसकी घटिया से घटिया सर्विस भी औरों से बेहतर है। और ये कस्टमर केयर? इन्होंने कछुए का खोल पहन रखा है।

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  19. इससे मुझे ध्यान आया कि एयरटेल ने मेरा नंबर बगैर मेरी जानकारी के मैसूर में किसी नवीन नाम के आदमी को ट्रान्सफर कर दिया. एक हफ्ते बाद मामला सुलझा और मेरा फ़ोन चालू हुआ मगर नंबर आज भी उसी आदमी के नाम है. मैं तो सीन से गायब ही चल रहा हूँ.

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  20. आपके साथ खास यह है कि आप डूब कर लेखन कर रहें हैं .बधाई ..

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